भारत के व्यापारिक निर्यात में हुई लगभग तिगुनी वृद्धि, इस वर्ष अप्रैल का निर्यात मूल्य 30 बिलियन डॉलर के पार

भारत के व्यापारिक निर्यात में पिछले वर्ष के अप्रैल की तुलना में इस वर्ष 197.03 प्रतिशत वृद्धि हुई है। भारत का व्यापारिक निर्यात अप्रैल 2020 में 10.17 बिलियन डॉलर था, जो बढ़कर इस वर्ष 30.21 बिलियन डॉलर हो गया है। अप्रैल 2021 का व्यापारिक निर्यात अप्रैल 2019 के व्यापारिक निर्यात से 16.03 प्रतिशत अधिक है।

गैर-पेट्रोलियम वस्तुओं के निर्यात मूल्य में देखी गई 200.62 प्रतिशत की वृद्धि

अप्रैल 2021 में गैर-पेट्रोलियम वस्तुओं का निर्यात मूल्य 2020 के 8.93 बिलियन डॉलर से 200.62 प्रतिशत बढ़कर 26.85 बिलियन डॉलर हो गया। यह संख्या अप्रैल 2019 के 22.48 बिलियन डॉलर की तुलना में 19.44 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल 2020 में गैर-तेल, गैर-जीजे (गैर-सोना, चांदी तथा बेशकीमती धातु) का मूल्य 12.33 बिलियन डॉलर था, जो 2021 में 111.3 प्रतिशत बढ़कर 26.05 बिलियन डॉलर हो गया। वहीं अप्रैल 2019 के 24.46 बिलियन डॉलर की तुलना में इस वर्ष के आंकड़े 6.48 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दिखाते हैं।

अनाज और रत्नों सहित कई कमोडिटी समूहों का निर्यात मूल्य बढ़ा

अप्रैल 2019 की तुलना में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित कर रहे प्रमुख कमोडिटी समूहों में अभ्रक, कोयला तथा अन्य अयस्क, खनिज अवयव (33.17 प्रतिशत), लौह अयस्क (219.55 प्रतिशत), ऑयल मील (86.59 प्रतिशत) शामिल हैं। इसी के साथ कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में चावल (49.45 प्रतिशत), अन्य मोटे अनाज (206.43 प्रतिशत), फ्लोर कवरिंग सहित जूट मैन्यूफैक्चरिंग (66.19 प्रतिशत), अनाज तैयारी तथा विविध प्रसंस्कृत मदें (40.34 प्रतिशत), काजू (16.57 प्रतिशत), फल एवं सब्जियां (11.66 प्रतिशत), मसालों (32.72 प्रतिशत) तथा ऑयल सीड्स (1.30 प्रतिशत) के निर्यात मूल्य में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा कॉटन यार्न/फैब्रिक्स/मेडअप्स, हस्तकरघा उत्पाद आदि (25.27 प्रतिशत),सेरामिक उत्पाद एवं ग्लासवेयर (22.57 प्रतिशत), ड्रग्स एवं फार्मास्यूटिकल्स (22.55 प्रतिशत), कालीन (22.38 प्रतिशत), इंजीनियरिंग वस्तुएं (18.61 प्रतिशत), रत्न एवं आभूषण (16.38 प्रतिशत) का निर्यात भी बढ़ा है ।

आयात मूल्य में देखने को मिली गिरावट

अप्रैल 2019 की तुलना में अप्रैल 2021 में कई प्रमुख कमोडिटी समूहों ने आयात में गिरावट प्रदर्शित की है। इन वस्तुओं में चांदी (-95.25 प्रतिशत), न्यूजप्रिंट (-59.63 प्रतिशत), कॉटन रॉ तथा वेस्ट (-50.42 प्रतिशत), प्रोजेक्ट वस्तुएं (-37.47 प्रतिशत), दलहन (-46.98 प्रतिशत), चमड़ा तथा चमड़ा उत्पाद (-33.10 प्रतिशत), मशीन टूल्स (-23.40 प्रतिशत), परिवहन उपकरण (-24.49 प्रतिशत), पल्प एवं वेस्ट पेपर (-18.09 प्रतिशत) और लोहा एवं इस्पात (-17.93 प्रतिशत) शामिल हैं। इनके साथ कोक तथा ब्रिकेट आदि (-14.84 प्रतिशत), क्रूड एवं मैन्यूफैक्चर्ड फर्टिलाइजर्स (-11.44 प्रतिशत), क्रूड एवं परिष्कृत पेट्रोलियम (-6.62 प्रतिशत), इलेक्ट्रिकल तथा गैर इलेक्ट्रिकल मशीनरी (-1.55 प्रतिशत) और टेक्स्टाइल, यार्न, फैब्रिक एवं मेड-अप आर्टिकल्स (-0.37 प्रतिशत) के आयात मूल्यों में भी गिरावट देखी गई है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए अच्छा संकेत

ये आंकड़े बताते हैं कि भारत द्वारा किए जाने वाले निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है और साथ ही आयात में कमी आ रही है जो भारत के भविष्य के लिए एक अच्छा संकेत है। यह दर्शाता है कि हम धीरे धीरे आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान भी भारत में होने वाले उत्पादन में वृद्धि हुई है। अगर ऐसा ही रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब भारत सही मायनों में आत्मनिर्भर बन जाएगा।