नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने कोविड-19 संक्रमण में निरंतर गिरावट के मद्देनजर यात्रियों को राहत देते हुए कोरोना पूर्व की व्यवस्था को बहाल करने का निर्णय लिया है। इससे मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियों के नाम से स्पेशल हट जाएगा और वह पुरानी व्यवस्था के अनुरूप चलेंगी। रेलवे बोर्ड द्वारा बीते शुक्रवार, 12 नवंबर को जारी एक सर्कुलर के अनुसार, मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि सभी नियमित टाइम टेबल ट्रेनें जो वर्तमान में एएसपीसी (मेल/एक्सप्रेस स्पेशल) और एचएसपी (हॉलिडे स्पेशल) ट्रेन सेवाओं के रूप में चल रही हैं वह नियमित नंबरों के साथ वर्किंग टाइम टेबल (वर्तमान समय सारिणी) के आधार पर चलेंगी। ट्रेनों के आगे से स्पेशल हटने के साथ ही सभी ट्रेन नंबरों के आगे लगे शून्य भी हट जाएंगे।
सॉफ्टवेयर में किये जायेंगे परिवर्तन
सर्कुलर में कहा गया है, “ऐसी ट्रेनों की दूसरी श्रेणी विशेष मामले में किसी भी छूट को छोड़कर आरक्षित के रूप में चलती रहेगी, पहले से बुक किए गए टिकटों पर रेलवे द्वारा वसूल किए जाने वाले किराए में कोई अंतर या पहले से बुक किए गए यात्रियों के कारण किसी भी रिफंड की अनुमति नहीं दी जाएगी। रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र से अनुरोध किया गया है कि सॉफ्टवेयर में आवश्यक परिवर्तन करें। प्रत्येक क्षेत्रीय रेलवे यह सुनिश्चित करेगा कि सभी संबंधित कर्मचारियों को विवरण उपलब्ध कराने और डेटाबेस में आवश्यक परिवर्तन करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि रेल मंत्रालय के अनुसार रेलवे अभी 1744 ट्रेन चला रही है स्पेशल के रूप में आगे 0 लगा है। पुरानी व्यवस्था लागू होने पर रेलगाड़ी संख्या में शून्य हट जाएगा। इन विशेष ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को सामान्य ट्रेनों की तुलना में 30 फीसद ज्यादा किराया देना पड़ता था।
बताना चाहेंगे कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक मीडिया साक्षात्कार के दौरान कहा कि कोविड प्रोटोकॉल में रेलवे ने ट्रेनों को स्पेशल कैटेगरी में चलाने की शुरूआत की थी, जिसका उद्देश्य ट्रेनों में भीड़ को नियंत्रित कर यात्रियों को सुविधा देना था। रेल मंत्री के अनुसार, फिलहाल 95 फीसदी मेल एक्सप्रेस ट्रेनें पटरी पर लौट चुकी हैं। इनमें से करीब 25 फीसदी ट्रेनें स्पेशल कैटेगरी में चल रही हैं।
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