जन सहभागिता से ही टीबी मुक्त होगा भारत: डाॅ. रवि रंजन

मदनपुर(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। विश्व यक्ष्मा दिवस के पूर्व टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान के तहत मदनपुर पीएचसी के सभागार में बुधवार को जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ. सत्यनारायण प्रसाद ने की। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सीडीओ डाॅ. रविरंजन प्रसाद के अलावा बीडीओ कनिष्क कुमार सिंह, सीडीपीओ ममता रानी और यक्ष्मा तकनीशियन अजीत कुमार शर्मा मौजूद रहे। कार्यक्रम में डाक्टर, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सुपरवाईजर, टेक्नीशियन, टीबी रोग से स्वस्थ हुए लोग तथा स्थानीय जन प्रतिनिधि शामिल रहे। कार्यक्रम में सीडीओ डाॅ. रविरंजन प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह ड्रीम कार्यक्रम है। टीबी हारेगा देश जीतेगा। देश से जिस तरह पोलियो उन्मूलन किया गया है, उसी तरह से टीबी मुक्त भारत बनाना है। इस कार्य में जन सहभागिता आवश्यक है। जन सहयोग से ही भारत टीबी मुक्त हो सकता है।

राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक पूरे भारत से टीबी रोग को भगा देना है। उन्होने टीबी रोग की जानकारी देते हुए कहा कि लगातार दो सप्ताह से खांसी आती हो, भूख कम लगता हो, शाम में बुखार होता हो, खांसने पर मुंह से खुन के साथ बलगम निकलता हो और कमजोरी महसुस होती हो तो यह टीबी रोग का लक्षण है। टीबी की जांच प्रत्येक पीएचसी में निःशुल्क किया जा रहा है। जांच अवश्य कराएं। टीबी छुआछुत की बीमारी नहीं है बल्कि बैक्टीरिया जनित रोग है। यह एक दूसरे के सम्पर्क में आने से फैलता है। साफ सफाई से रहने, ताजा खाना खाने, स्वच्छ वातावरण में रहने से टीबी रोग नहीं होता है। टीबी होने पर सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज होता है। दवाईयां फ्री में मिलती है। साथ ही मरीज को पौष्टिक आहार लेने के लिए भारत सरकार प्रत्येक टीबी रोगियों को हर माह निःक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपये दो सालों तक पीड़ित के बैंक बचत खाता में डीबीटी के माध्यम से दिया जाता है। इस मौके पर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत बीडीओ कनिष्क कुमार सिंह ने हस्ताक्षर कर किया। कार्यक्रम में मुखिया सुरेन्द्र प्रसाद, स्वास्थ्य प्रबंधक नेहा सिंहा, डाॅ. नीतीश कुमार, डाॅ. विनोद कुमार, डाॅ. फैजान अहमद खान, आंगनबाड़ी सुपरवाइजर रेखा कुमारी, किरण कुमारी एवं लैब टेक्नीशियन अभिमन्यु कुमार सिंह मौजूद थे।