कोरोना की दूसरी लहर में औरंगाबाद के राकेश ने लिखी जेपी पर शोधपरक पुस्तक, तीसरी लहर आते ही हुआ प्रकाशन

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। कोरोना के विपदा में दुनिया लॉकडाउन थी, किन्तु सृजनशील लोगों ने इस विपदा को भी लेखकीय अवसर बनाया। इस कड़ी में जिले के श्रीकृष्णनगर निवासी राकेश कुमार ने प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और छात्र आंदोलन के प्रणेता जयप्रकाश नारायण की जीवनी लिखने की पहल की।

आज इनका सपना साकार हो गया है। जेपी की जीवनी को नेशनल बुक ट्रस्ट, भारत, नई दिल्ली द्वारा ‘लोकराज के लोकनायक’ शीर्षक से प्रकाशित की गई है। इस पुस्तक में जयप्रकाश नारायण के मगध की धरती से जुड़ाव के कई संस्मरणों को शामिल किया गया है। जेपी द्वारा स्थापित नवादा जिले के कौआकोल प्रखंड के सेखोदेउरा गांव में स्थापित सर्वोदय आश्रम समेत औरंगाबाद की धरती पर जेपी की प्रेरणा से संपन्न महुआदान की रोचक व प्रेरक कहानियों को भी इस पुस्तक में शामिल किया गया है। लोकराज के लोकनायक के लेखक राकेश कुमार ने बताया कि जेपी उनकी नजर में राजनीति के संत हैं क्योंकि सामर्थ्य के बावजूद भी उन्होंने आजीवन किसी पद की लालसा नहीं रखा।

जेपी सत्ता को सदैव लोकसत्ता व राज को हमेशा लोकराज के रूप में स्थापित करना चाहते थे। इस कारण जेपी पर लेखन की इच्छा काफी दिनों से थी जिसे कोरोना के लॉकडाउन ने साकार करने का अवसर दिया। लेखक ने बताया कि लोकनायक जेपी पर तकरीबन तीन साल का व्यापक अध्ययन और कोरोना काल में लॉकडाउन 2.0 के दौरान अपनी गाड़ी से आवागमन की छूट ने जेपी के ठिकानों पर भ्रमण का अवसर दिया। भारत सरकार की शिक्षा मंत्रालय के अधीन की स्वयत्त संस्था नेशनल बुक ट्रस्ट ने लोकराज के लोकनायक पुस्तक को आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में शामिल किया है जो जिले के लिए गौरव की बात है।