औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 आनंदिता सिंह की अदालत ने शुक्रवार को देव के बहुचर्चित उप प्रमुख मनोज सिंह हत्याकांड में पूर्वी केताकी पंचायत की मुखिया पूनम देवी के पति नकटी गांव निवासी सुरेंद्र यादव को सश्रम आजीवन कैद और 60 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना नही देने पर अदालत ने दस माह के अतिरिक्त साधारण कैद का प्रावधान किया है।
अदालती सूत्रों ने बताया कि अदालत ने देव थाना कांड संख्या-29/16 में जेल में बंद मुखिया पति को धारा 302 में आजीवन कैद के अलावा, धारा 127 में दो वर्ष, 148 में तीन वर्ष एवं 27 आम्र्स एक्ट में तीन वर्ष सश्रम कारावास के अलावा 60 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि न देने पर दस माह के अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। मामले में अदालत ने देव थाना के गंजोई गांव निवासी नंदलाल भुइयां को रिहा कर दिया है। उपप्रमुख के अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में नामजद आरोपित बने नकटी गांव निवासी उमेश यादव एवं पड़रिया गांव के ऋतिक रौशन का नाम पुलिस ने अनुसंधान में हटा दिया था। बाद में पुलिस अनुसंधान में नंदलाल भुइयां एवं पप्पू कुमार का नाम आया था। कोर्ट ने केवल सुरेंद्र यादव को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है। अन्य को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
पंचायत चुनाव के दौरान माओवादियों ने की थी उपप्रमुख की हत्या-
देव के उप प्रमुख मनोज सिंह की हत्या नक्सलियों ने वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव के दौरान एके-47 से गोली मारकर की थी। उस वक्त उप प्रमुख मुखिया का चुनाव लड़ रहे थे। हत्या का आरोपी सुरेंद्र यादव भी मुखिया का चुनाव लड़ रहा था। 21 मई 2016 को जब उप प्रमुख अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार में निकले थे तो उसी समय सिंघवां गांव में प्रचार के दौरान तीन बाइक से पहुंचे करीब नौ माओवादियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर उप प्रमुख को मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में प्रचार में साथ रहे उपप्रमुख के ससुर औरंगाबाद मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के पोइवां गांव निवासी राजकुमार सिंह ने माओवादियों द्वारा हत्या करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। हालांकि अदालत ने सजायाफ्ता को 17 सीएलए एक्ट में दोषी नहीं पाया है।
सजायाफ्ता की पत्नी आज हैं मुखिया-उप प्रमुख की हत्या के बाद उनकी पत्नी प्रियंका देवी पूर्वी केताकी पंचायत की मुखिया बनी थीं। पांच वर्ष तक मुखिया रहीं। इसके बाद हुए चुनाव में सजायाफ्ता सुरेंद्र यादव की पत्नी पूनम देवी मुखिया बनीं हैं। इस इलाके का यह बहुचर्चित हत्याकांड रहा है।