नल जल योजना में गड़बड़ी मामलें में 39 मुखियों को पदमुक्त करने की नोटिस से भड़का मुखिया संघ

किया जिला प्रशासन से आरपार की लड़ाई का ऐलान, कहा मुखिया नही वार्ड सदस्य दोषी

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी नल जल योजना में गड़बड़ी के आरोप में जिलें के 39 मुखियों को पदमुक्त करने की नोटिस थमाये जाने के बाद मुखियों का संगठन भड़क उठा है। मुखियों में जिला प्रशासन के प्रति गुस्सा उबाल पर है। मुखियों का संगठन प्रखंडों में बैठकें कर रणनीति तय करने में लगा है। साफ तौर पर लग रहा है कि मुखियों का संगठन जिला प्रशासन से दो-दो हाथ करने के मूड में है। इसकी झलक रविवार को औरंगाबाद जिला मुखिया संघ द्वारा बैठक के बाद बुलाई गई प्रेसवार्ता में दिखी।

प्रेसवार्ता में मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह ने जिला प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कहा कि बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ने नल जल योजना में मुखियों का हक छीना और योजना का कार्य कराने की जिम्मेवारी वार्ड सदस्यों को दी। हमलोग विरोध में हाइकोर्ट तक गये। कोर्ट का फैसला भी हमारे पक्ष में आया लेकिन राज्य सरकार ने नया नियम बना दिया, नई कमिटी बना दी। हम फिर भी अड़े रहे, तब राज्य सरकार ने चालाकी की, डीएम से चाल चलवाया, प्यार से बातें की और फिर पदमुक्त करने की धमकी भी दिलाई गई।

उस वक्त औरंगाबाद के तत्कालीन डीएम कंवल तनुज ने कहा कि वार्ड सदस्य भी उनके छोटे भाई है, उनको काम कराने का मौका दीजिएं। साथ ही धमकी भी दी कि वार्ड सदस्यों के खातें में नल जल योजना की राशि ट्रांसफर नही की तो मुखियों को पदमुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी। हम लोगों ने डीएम के प्यार और धमकी दोनों को स्वीकार करते हुए नल जल योजना की राशि वार्ड सदस्यों के खातें में ट्रांसफर कर दी। फिर सात सदस्यीय वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंध समिति बनी। हमलोगों ने सिर्फ योजना की फाइल खेली, उस पर अपना हस्ताक्षर किया। इसके बाद वार्ड सदस्यों ने काम कराया। काम कराने के दौरान जो भी गड़बड़ी की गई, वह वार्ड सदस्यों ने की, उसमें हम सब मुखिया कहा है। हम काम कराने की एजेंसी नही है, एजेंसी तो वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंध समिति है, जिसके मुख्य कर्ता धर्ता वार्ड सदस्य है। योजना के कार्य की गुणवता सुनिश्चित करने के लिए जांच करने की जिम्मेवारी बीडीओ, कनीय अभियंता एवं मुखिया सबकी है।

हमलोगों ने जब देखा कि काम सही नही हो रहा है तो वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंध समितियों को चिट्ठी लिखी जिसे वार्ड सदस्यों ने नजरअंदाज कर दिया। अपनी मनमानी चलाई। इतना ही नही उस वक्त जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंध समितियों को पत्र लिखा जिसमें साफ तौर से कहा गया कि एक खास फर्म से ही सामानों की खरीदारी करें। फिर वह फर्म वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंध समितियों के पैसे लेकर भाग गई पर उस पर अबतक कोई कार्रवाई नही हुई। उल्टे योजना में हमारी भूमिका नही होने के बावजूद मुखियों को दोषी करार दिया जा रहा है।

हमें पदमुक्त करने की नोटिस उस वक्त थमाई जा रही है, जब चार माह बाद पंचायत चुनाव है। यह सब हमें बदनाम और बर्बाद करने की साजिश है। हम सब मिलकर डट कर इसका विरोध करेंगे चाहे अंजाम जो भी हो। कहा कि नल जल योजना में गड़बड़ी में किसी भी मुखिया की संलिप्तता नही है। इस तरह की गड़बड़ी में वार्ड सदस्यों, कनीय अभियंताओं और बीडीओं की संलिप्तता है और अनियमितता के जिम्मेवार यही लोग है तथा इन्ही पर कार्रवाई होनी चाहिए न कि मुखियों पर। मुखियों ने कहा कि हम सब ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन का हर समय साथ दिया है, पर हमारे साथ हमेशा नाइंसाफी हुई है। चाहे वह ओडीएफ हो या कोरोना काल हो। अपने-अपने पंचायतों को ओडीएफ कराने के लिए हमलोगों ने अपने जेब से राशि खर्च की, कर्ज तक लेकर शौचालय बनवाया लेकिन ओडीएफ हुए दो साल हो गये लेकिन यह राशि तो दूर अबतक प्रोत्साहन राशि भी नही मिली है। इसी प्रकार हम लोगों ने कोरोना काल में बीडीओ के मौखिक आदेश पर कोरेंटाइन सेंटर चलाये लेकिन उसकी राशि आजतक नही मिली। राशि के नाम पर सिर्फ दो-दो लाख रुपयें मिले जिससे हमलोगों ने मास्क औ साबुन खरीद कर पूरी इमानदारी से बंटवाने का काम किया। मुखियों ने कहा कि हम पंचायत प्रतिनिधियों का सरकारी अधिकारी से लेकर सांसद-विधायक तक सहयोग लेते है लेकिन जरुरत पड़ने पर हमें किसी तरह का सपोर्ट नही करते।

चुनाव में ये हमसे मदद ले लेते है लेकिन हमें कभी मदद नही देते है। अब चार माह बाद पंचायत चुनाव होने वाला है। इसी कारण हमें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। हम पर सोशल साइट्स पर ओछी टिप्पणियां की जा रही है। यह सब गलत है। हम इसका प्रतिकार करेंगे और अब लड़ाई आरपार की होगी। प्रेसवार्ता में मंझार पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अलाउद्दीन खां, बनतारा के मुखिया अख्तियार खां, जम्होर के मुखिया सुरेंद्र गुप्ता, खैरा मिर्जा के केदार रजक, अमझरशरीफ की हसीना खातून, हथियारा के विनोद मेहता, उपहारा के अमोद कुमार, डुमरा के मनोज कुमार, बसडीहा के नवीन कुमार सिंह, गाठौली की रिंकू देवी, डिहरा के जयकेश कुमार, रतनपुर के प्रतिनिधि जय कुमार जानी, परसडीह की उषा देवी, कर्मा भगवान के वीरेंद्र राम, फाग की रीता देवी, भुरकुंडा की माधुरी सिंह, मलहद के दीपक पासवान, अमारी के बैकुंठ सिंह एवं खैरा मिर्जा पंचायत के मुखिया मिट्ठू कुमार आदि मौजूद रहे।