औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। फर्जी दस्तावेज दाखिल कर हाइवा को छुड़ाने के मामले में औरंगाबाद के एडीजे-12 डॉ. दिनेश कुमार प्रधान की अदालत ने 23 मई को बीमा कंपनी को वाहन मालिक पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था। इसी वाद में निर्णय पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गाड़ी के मालिक को आदेश दिया कि मोटर दुर्घटना वाद के आवेदक को 20 लाख रुपए मुआवजा दे।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि 29 मई 2015 को विराटपुर के संतोष कुमार डिहरी से बाइक से औरंगाबाद आते वक्त तेज गति से आ रहे हाइवा के चपेट में आकर घायल हो गये थे। हादसे के बाद एक पैर से 65 प्रतिशत अपंग हो गये थे। बीएचयू में इलाज में तीन लाख का खर्च हुआ था। पीड़ित ने जेवर दुकान चलाते हुए साल 2015-16 में 2 लाख 73 हजार 857 रुपये आयकर देने की बात कही थी। इन सब के आधार पर 21 लाख के मुआवजा का दावा किया था।
जिला विधिक संघ के अध्यक्ष सह बजाज एलियांज जेनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के अधिवक्ता रसिक बिहारी सिंह ने कहा कि हाइवा दुर्घटना के पूर्व वाहन मेरे कम्पनी के इंश्योरेंस में था। दुर्घटना तिथि में इंश्योरेंस अवधि समाप्त थी। इंश्योरेंस कराना गाड़ी मालिक का दायित्व था। इसलिए मुआवजा बीमा कंपनी नही देगी। गाडी मालिक रामकृपाल सिंह कंचनपुर रहुलिया टोला सासाराम को मुआवजा देने का आदेश न्यायालय ने दिया है। इस वाद में आवेदक की ओर से अधिवक्ता निवेदिता कुमारी ने बहस में भाग लिया।