औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के जिला कृषि पदाधिकारी अश्विनी कुमार की अध्यक्षता में संयुक्त कृषि भवन स्थित कार्यालय कक्ष में राष्ट्रीय संधारणीय कृषि मिशन(एनएमएसए) के तहत वर्षा आधारित क्षेत्र विकास(आरएडी) योजनान्तर्गत चालू वितीय वर्ष में कार्यान्वयन एवं वर्ष 2014 से 2019 तक योजना के कार्यान्वयन उपरान्त लम्बित घटकों को पूर्ण करने हेतु समीक्षा बैठक संपन्न हुई।
बैठक में देव, रफीगंज, मदनपुर एवं गोह के प्रखंड कृषि पदाधिकारी तथा संबंधित कृषि समन्वयक शामिल हुए। बैठक में डीएओ ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में वर्षा आधारित क्षेत्र विकास योजना के कार्यान्वयन हेतु गोह प्रखंड के मीरपुर पंचायत के अंकुरी गांव का चयन किया गया है। इस योजना के तहत गांव के 100 हेक्टेयर भूमि में क्लस्टर में कार्य कराया जाना है। इस योजना के तहत फसल पद्धति आधारित, उद्यान आधारित, पशुधन आधारित प्रणाली एवं मूल्य संवर्द्धधन से संबंधित कार्य को पूर्ण कराया जा रहा है। कार्य पूर्ण होने के उपरान्त संबंधित कृषक को फसल पद्धति प्रणाली हेतु लागत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 10000/- रूपये, उद्यान आधारित कृषि प्रणाली हेतु लागत मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 25000/- रूपये तथा पशुपालन आधारित कृषि प्रणाली के लिए 50 प्रतिशत अधिकतम 40000/- रूपये का अनुदान दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त मूूल्य संवर्द्धन एवं संसाधन संरक्षण कार्यो के लिए भी अनुदान दिया जायेगा। रब्बी मौसम में फसल पद्धति प्रणाली के तहत कृषकों द्वारा किये गये कार्यों से संबंधित स्थल की जांच जिला कृषि पदाधिकारी से कराने के साथ फाटोग्राफ एवं अन्य अभिलेख जिला कृषि कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयकों को दिया गया।
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जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयक को वर्ष 2020-21 में स्वीकृत योजना के सभी घटकों का क्रियान्वयन ससमय कराकर अभिलेख एवं अभिश्रव जमा कराने का निर्देश दिया गया। योजना घटकों के क्रियान्वयन के दौरान योजना का सघन अनुश्रवण संबंधित प्रखंड कृषि पदाधिकारी को करने का निर्देश दिया गया। डीएओ ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में देव प्रखंड के भवानीपुर पंचायत, 2017-18 में रफीगंज के चेंव, ढोंसिला, 2018-19 में मदनपुर के बेरी व खिरियावां पंचायत की वर्षा आधारित क्षेत्र विकास योजना का कार्यान्वयन की समीक्षा की। इन वित्तीय वर्षो में योजना के लंबित घटकों का कार्यान्वयन यथाशीघ्र कराते हुए प्रगति प्रतिवेदन से अवगत कराने का निर्देश क्रमशः देव, रफीगंज एवं मदनपुर के प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयकों को दिया। गया।योजना के नोडल कृषि समन्वयक को चेतावनी दी गई कि यदि विगत वर्षो के लंबित कार्य घटकों तथा चालू वित्तीय वर्ष के सभी घटकों का क्रियान्वयन ससमय नहीं कराया जाता है तो कृषि समन्वयक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ ही संबंधित प्रखंड कृषि पदाधिकारी की भी जवाबदेही तय की जायेगी।