सोन नद में बालू माफियाओं ने फिर बोला पुलिस पर हमला, की पथराव व फायरिंग, पुलिस के कई अधिकारी व जवान बाल-बाल बचे

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) के आदेश पर नदियों में जल जीवों की संतति वृद्धि और बाढ़ के पानी के साथ नदियों के उपरी क्षेत्र से निचले इलाके में बालू की आवक से भंडारण सुनिश्चित करने के उदेश्य से बरसात के मौसम में यानी सितम्बर माह तक नदियों से बालू की निकासी पर रोक के बावजूद बिहार में पीला सोना उगलने वाली सोन नद से बालू की अवैध निकासी जारी है।

औरंगाबाद की बात करे तो यहां बालू माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि वे अवैध निकासी को रोकने के लिए सोन नद में छापेमारी करने आ रही पुलिस से भी दो-दो हाथ करने से गुरेज नही कर रहे है। इसी कड़ी में बारूण थाना क्षेत्र में सोन नद में बालू घाट पर शुक्रवार की रात छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर बालू माफिया द्वारा हमला बोल पथराव और फायरिंग किये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। हमले में पुलिस के कई अधिकारी और जवान बाल-बाल बचे है। घटना बारुण थाना क्षेत्र में एनीकट बालू घाट की है। बताया जाता है कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि एनीकट बालू घाट पर अवैध खनन किया जा रहा है। इस सूचना पर बारूण थानाध्यक्ष कमलेश पासवान सदल बल मौके के लिए रवाना हुए। थाना के छरू पुलिस पदाधिकारी एसआई योगेंद्र पासवान, प्रमोद कुमार यादव, विवेकानंद राय, एएसआई वीरेंद्र कुमार राम, दिलीप कुमार मंडल एवं अजीत कुमार सिंह के साथ करीब बीस की संख्या में पुलिस की टीम के एनीकट पहुंचते ही बालू माफिया ने उनपर हमला बोल दिया।

पहले पथराव और बाद में फायरिंग की जाने लगी। फिर पुलिस ने भी मोर्चा संभाला और वे बालू माफियाओं को घेरने लगे। पुलिस से घिरता देख हमलावर छिपते छिपाते मौके से फरार हो गए। रात का अंधेरे होने से किसी की पहचान नहीं हो सकी। पुलिस ने घटनास्थल से तीन जिंदा कारतूस बरामद किया है। इस मामले में बारूण थाना में अज्ञात बालू माफियाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। हालांकि सोन नद में के बालू घाटों पर बालू माफियाओं द्वारा किया गया हमला पहला हमला नहीं है बल्कि इसके पहले भी वें कई बार पुलिस पर हमला बोल चुके है। पूर्व में बालू माफिया तत्कालीन खनन पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधिकारी एवं सीओ पर हमले कर चुके है। इन हमलों के बावजूद सख्त कार्रवाई नही होने से बालू माफियाओं के हौसले बुलंद है। बालू माफियाओं का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे लगातार हमले कर रहे हैं और पुलिस उनका कुछ भी बिगाड़ नही पा रही है।