जानिएं-पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में नक्सलियों को बर्बाद करने की ईबारत लिखने में कैसे लगा है यह ड्रोन

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। उड़ते हुए ड्रोन की ये तस्वीरे आम नही बल्कि खास है। उड़ता हुआ यह ड्रोन अपने मिशन पर है। यह नक्सलियों की बर्बादी की इबारत लिखने में लगा है।

इस मिशन पर ड्रोन को बिहार में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन-2021 के दसवें औऱ अंतिम चरण को सफलतापूर्वक और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की बड़ी जिम्मेवारी है। अपने मिशन पर लगा यह ड्रोन औरंगाबाद जिले के अति नक्सल प्रभावित देव और कुटुम्बा प्रखंड में 8 दिसम्बर को होने वाले मतदान को शांतिपूर्ण संपन्न कराने को लेकर न केवल नक्सली गतिविधियों पर जमीन से लेकर आसमान तक पैनी नजर रख रहा है बल्कि चुन चुन कर जंगली तथा पहाड़ी इलाकों के उन दुर्गम जगहों की तस्वीरे भेज रहा है, जहां नक्सली अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए छिपे हो सकते है।

देखिएं-पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में नक्सलियों की बर्बादी की इबारत लिखने में कैसे लगा है यह ड्रोन                  

ड्रोन के मिशन पर लगे हाेने से पुलिस और एसएसबी को नक्सलियों के खिलाफ जंगली और पहाड़ी इलाकों में लगातार कॉम्बिंग एवं सर्च ऑपरेशन को धरातल पर अंजाम देने में काफी लाभ मिल रहा है। मिशन पर लगा ड्रोन उड़कर वैसे दुर्गम इलाकों को खंगाल रहा है, जहां नक्सली छिपे हो सकते है। ड्रोन से आकाश से दुर्गम इलाको की लाइव तस्वीरे पुलिस तक पहुंच रही है, जिससे ऑपरेशन का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। औरंगाबाद के पुलिस कप्तान कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि देव-कुटुम्बा में पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के पुख्ता प्रबंध है। प्रबंधों के आगे नक्सलियों को मुंह की खानी पड़ेगी। इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया है। नक्सलियों के खिलाफ प्लानिंग के साथ पुलिस एक्शन में है। ऐसे में देखना यह होगा कि पुलिस का एक्शन किस हद तक पंचायत चुनाव में बाधा डालने के नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेरने वाला साबित होगा। यदि पुलिस सफल होती है तो मतदान के दिन मदनपुर में पुलिसिया प्रबंध के कारण अपने नापाक इरादों को अंजाम दे पाने से चूक गये नक्सलियों ने जैसे पुलिस के हटते ही जुड़ाही में पंचायत सरकार भवन और मोबाइल टावर उड़ाकर अपनी खीझ निकाली थी, वैसी ही खीझ नक्सली यहां भी निकाल सकते है। इसके लिए भी पुलिस को अलग से इंतजाम करने की जरूरत है ताकि मतदान बाद भी नक्सली किसी वारदात को अंजाम नही दे सके।