औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बरसात का मौसम समाप्त हाेने के बावजूद बालू और कोयले की किल्लत के कारण निर्माण कार्यों के लिए महत्वपूर्ण सामग्री ईंटों का उत्पादन इस बार विलम्ब से आरंभ होगा।
ईंट निर्माताओं का संगठन बालू और कोयले की सुलभ उपलब्धता का इंतजार कर रहा है ताकि ईंटों का उत्पादन शुरू किया जा सके। इसे लेकर ही बुधवार को औरंगाबाद जिला ईंट निर्माता संघ ने मदनपुर के रानीकुआं में एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक की अधयक्षता संध के जिलाध्यक्ष रामनरेश मेहता ने की। बैठक में संघ के मगध प्रमंडल अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह, जिला सचिव सत्येंद्र नारायण सिंह, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह, बाला जी, श्याम सुंदर प्रसाद, राजेंद्र यादव, प्रमोद सिंह, भोला सिंह, अरविंद श्रीवास्तव, संजय सिंह, अरविंद यादव, योगेंद्र सिंह, अमिंद्र सिंह, श्रीनिवास प्रसाद, उपेंद्र यादव, जितेंद्र यादव, सतीश यादव, उपेंद्र प्रसाद, राजाराम मेहता, उमेश प्रसाद, विनोद कुमार, रघुवंश सिंह, बसंत सिंह, राजेश कुमार, धीरज कुमार सिंह, संतोष सिंह, धर्मेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, लालकुमार सिंह, रंजीत सिंह एवं अरूण कुमार सिंह समेत पूरे जिले के दर्जनों ईंट भट्ठा संचालक मौजूद रहे।
बैठक में संघ के सदस्यों ने कहा कि कोरोना के कारण दो बार के लॉकडाउन एवं बारिश के कारण ईंट भट्ठा मालिकों को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही बरसात के बाद जब वे ईंट उत्पादन शुरू करना चाह रहे है तो बाजार में बालू और कोयला ही सुलभता से उपलब्ध नही है। ऐसे में अभी ईंट उत्पादन शुरू करना बेहद घाटे का सौंदा होगा। इस स्थिति में बालू और कोयला की सुलभ उपलब्धता का इंतजार करना ही बेहतर है। इस मुद्दे पर चर्चा कर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 15 दिसम्बर तक दोनों ही चीजों की सुलभ उपलब्धता हो जाने की उम्मीद है। इस कारण जिले के सभी ईंट निर्माता 15 दिसम्बर को ही फायरिंग कर ईंट उत्पादन शुरु करेंगे। साथ ही बढ़ती महंगाई को देखते हुए ईंट का रेट बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। अब नंबर वन क्वालिटी की ईंट 7,500 प्रति हजार एवं सेकेंड क्वालिटी की ईंट 6,500 रूपये प्रति हजार बिकेगी। साथ ही ढुलाई अलग से लगेगा। इसके अलावा समस्याओं पर विचार के लिए समय समय पर संघ की बैठक करने का भी निर्णय लिया गया।