औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। सहकारिता विभाग के निबंधक, सहयोग समितियां, बिहार के आदेष के आलोक में औरंगाबाद में जिला सहकारिता कार्यालय में पदस्थापित उच्च वर्गीय लिपिक अजीत कुमार सिंह कश्यप को भ्रष्ट आचरण, अनुशासनहीनता, वरीय अधिकारियों के आदेश का उल्लंघन करने एवं सरकारी सेवक के प्रतिकूल आचरण का दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन के बाद विभागीय आदेष पर लिपिक के खिलाफ औरंगाबाद नगर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गयी है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि उच्च वर्गीय लिपिक के विरूद्ध विभाग को कई प्रकार की गड़बड़ी, अनियमितता एवं अशोभनीय व्यवहार किए जाने से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई थी। प्रथमदृष्टया पाया गया कि लिपिक द्वारा समितियों के कार्यों के लिए अवैध परितोषण एवं रिश्वत की मांग की जा रही है। इससे संबंधित एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी जिलाधिकारी एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी के संज्ञान में आया है।
लिपिक पर सहकारिता प्रसार पदाधिकारी धर्मेंद्र राम के साथ बदसलूकी एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी के मोबाइल पर फोन कर अशोभनीय एवं सरकारी कर्मी द्वारा अपेक्षित व्यवहार के प्रतिकूल शैली में बात करने का भी आरोप है। इन सभी तथ्यों के आलोक में जिलाधिकारी एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा उसके विरुद्ध निबंधक, सहयोग समितियां, पटना से अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ करने हेतु अनुरोध किया गया था। विभाग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए लिपिक को प्रथमदृष्टया भ्रष्ट आचरण, अनुशासनहीनता, आदेश उल्लंघन एवं सरकारी सेवक के प्रतिकूल आचरण का दोषी करार देते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही विभाग द्वारा जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे उच्च वर्गीय लिपिक के विरुद्ध विहित प्रपत्र में आरोप पत्र गठित कर निबंधक, सहयोग समितियां, बिहार के पटना कार्यालय को उपलब्ध कराएं ताकि विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की जा सके। इस मामलें में अजीत कुमार सिंह कश्यप के विरूद्ध इन कृत्यों के आलोक में औरंगाबाद नगर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गयी है।