हसपुरा के अंचल कार्यालय ने किया कमाल, खतियानी बकास्त जमीन का जारी कर दिया बासगीत पर्चा

अपनी जमीन पर आवास निर्माण होते देख मालिक ने लगाई न्याय की गुहार

गोह(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। हसपुरा प्रखंड के डिंडिर गांव में खतियानी बकास्त जमीन में दूसरे के नाम पर बासगीत पर्चा निर्गत करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। इससे न केवल भूमि विवाद गहरा गया है बल्कि अंचल प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लग रहा हैं। सवाल उठना लाजिमी भी है क्योकि आखिर जो जमीन रैयती जमीन है। जमीन मालिक हर साल जमीन का मालगुजारी रसीद भी कटवा रहा है। उसी जमीन का अंचल प्रशासन द्वारा बासगीत पर्चा कैसे निर्गत कर दिया गया, यह जांच का विषय है? इस मामले में बासगीत पर्चा निर्गत करने में अंचल प्रशासन ने या तो सही तरीके से जांच नहीं किया होगा या फिर मोटी रकम लेकर इस कार्य को अंजाम दिया गया हो सकता है।


यह है पूरा मामला-

डिंडिर निवासी देवेंद्र कुमार शर्मा का खाता नंबर 354 प्लॉट नंबर 3054 में 48 डिसमिल जमीन उनके दादा स्वर्गीय व्यास सिंह के नाम से दर्ज है। इस भूमि का मालगुजारी रसीद पूर्वजों से कटता आ रहा है। देवेंद्र कुमार शर्मा पेशे से अधिवक्ता सह औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में अपर लोक अभियोजक है। वे कभी-कभी अपने गांव पहुंचते हैं। पिछले माह जब वें अपने गांव पहुंचे तो देखा कि उनकी जमीन में गांव का ही अर्जुन महतो मकान निर्माण करा रहा है। जब देवेन्द्र ने पूछताछ की तो अंचल कार्यालय से परचा मिलने की बात कही। इसको लेकर पीड़ित देवेंद्र कुमार शर्मा ने डीएम, एसपी, एसडीओ, अंचल कार्यालय से लेकर पंचायत स्तर पर शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि जब जमीन मेरे दादा जी के नाम से दर्ज है। मैं प्रत्येक वर्ष मालगुजारी रसीद कटवाता हूं तो आखिर अर्जुन सिंह को उसी भूमि का परचा कैसे दे दिया गया। उन्होंने बताया कि परचा निर्गत करने से पहले से ही अर्जुन सिंह के दादा शिव भजन महतो के नाम से 7 एकड़ 97 डिसमिल जमीन है जिसमे अर्जुन सिंह का 2 एकड़ हिस्सा पड़ता है। गांव में उनका पक्का का मकान भी है तो अंचल कार्यालय द्वारा उन्हें पर्चा कैसे निर्गत किया गया। सरकारी नियमों की माने तो केवल भूमिहीनों को ही बासगीत परचा देने का प्रावधान है। फिर भी किस परिस्थिति में अर्जुन सिंह को बासगीत का पर्चा निर्गत किया गया है। यह अंचल प्रशासन के ऊपर सवालिया निशान लग रहा है। इस प्रकरण में दिलचस्प बात यह है कि देवेंद्र कुमार शर्मा की जमीन में जो परचा निर्गत किया गया है, उस जमीन का मालगुजारी रसीद देवेंद्र कुमार शर्मा तो कटवाते ही हैं। साथ ही उसी जमीन में 3 डिसमिल जमीन का मालगुजारी रसीद अर्जुन सिंह कैसे कटवाते है। उन्होंने अपने जमीन में हो रहे अवैध मकान निर्माण को रोकवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि मामले को जांच करते हुए उचित कार्रवाई की जाए।


क्या कहते हैं अंचल अधिकारी-

हसपुरा के अंचल अधिकारी मो. नुमान ने बताया कि परचा दाखिल लगभग 10 वर्ष पूर्व किया गया है। किस परिस्थिति में रैयती जमीन का परचा दाखिल किया गया है, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिलाधिकारी के पास ही आवेदन दिया जा सकता है।