औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में सभी अंचलाधिकारी के साथ राजस्व की समीक्षा बैठक की।
बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभुकों राशि हस्तांतरित करने के लिए जमीन का रसीद होना अनिवार्य है। इसमें कुल मिलाकर 4809 आवेदन अंचल स्तर पर लंबित है। कहा कि जिनके नाम से जमाबंदी कायम है, उन्ही को इस योजना लाभ दिया जाएगा। बैठक में अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूमिहीन लाभुकों के लिए यदि अंचल में भूमि उपलब्ध है, तो संबंधित अंचल अधिकारी द्वारा भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव संबंधित बीडीओ को दिया जाय। बैठक में डीआरडीए डायरेक्टर बालमुकुंद प्रसाद ने बताया कि सभी अंचलों को मिलाकर भूमिहीन लाभुकों का कुल 203 प्रतिवेदन आया है। इसपर सभी अंचल अधिकारियों को प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया।
बैठक में आपदा प्रभारी डाॅ. फतेह फैयाज ने सभी अंचलों में लंबित कोविड-19 आपदा से पीड़ित व्यक्तियों का सभी कागजात सिविल सर्जन को देते हुए एक प्रतिलिपि आपदा शाखा को देने का निर्देश दिया। कहा कि जिले में अभी तक 18 लोगों की कोविड से मृत्यु के कारण आश्रितों को अनुग्रह अनुदान के भुगतान हेतु आवंटन आ चुका है। इसके भुगतान की कार्रवाई अविलंब करने का निर्देश संबंधित अंचल अधिकारी को दिया गया। कहा कि शेष मृत व्यक्तियों के आश्रितों के लिए आवंटन की मांग की गई है। बैठक में अपर समाहर्ता द्वारा बताया गया कि अंचल अधिकारी द्वारा संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर आश्रितो को दिए गए राशि का समायोजन भी यथाशीघ्र किया जाय ताकि अतिरिक्त आवंटन की मांग की जा सके।
उन्होने सभी अंचल अधिकारियों को म्यूटेशन से संबंधित मामलों में प्रगति लाने का निर्देश दिया। साथ ही 60 दिनों से अधिक लंबित म्यूटेशन का डिस्पोजल अविलंब करने का निर्देश दिया। इसके बाद अपर समाहर्ता द्वारा परिमार्जन पोर्टल पर लंबित मामलों को निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। इस पर गोह, दाउदनगर एवं हसपुरा में लंबित आवेदनों की संख्या ज्यादा होने पर खेद व्यक्त किया गया। बताया गया कि अभियान बसेरा के तहत 2643 सर्वेक्षित परिवारों के विरुद्ध अभी तक 283 परिवारों को भूमि उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसमे से बारुण में सबसे अधिक 61 आवेदन लंबित हैं। इन्हें यथाशीघ्र निष्पादित करने का निर्देश बारुण के अंचल अधिकारी को दिया गया। इसके बाद लंबित नीलाम पत्र वाद की समीक्षा की गई। जिला नीलाम पत्र में उपलब्ध अभिलेखों को अंचलवार कर सभी अंचल अधिकारियों को उपलब्ध कराने का निर्देश नीलाम पत्र प्रभारी मनीष कुमार को दिया गया। वादों की सुनवाई के लिए नवपदस्थापित अंचल अधिकारियों द्वारा सक्षम प्राधिकार की शक्ति निहित करने का अनुरोध किया गया। बैठक में जल जीवन हरियाली के नोडल पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने कहा कि सभी अंचल अधिकारी तालाब, पोखर अतिक्रमण के वादों पर गम्भीरता से ध्यान दे। साथ ही हटाए गए अतिक्रमण से विस्थापित भूमिहीन परिवारों की सूची उपलब्ध कराएं। बैठक में उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार, औरंगाबाद के भूमि सुधार उप समाहर्ता अविनाश कुमार सिंह, दाउदनगर के भूमि सुधार उप समाहर्ता, संजय कुमार, राजस्व प्रभारी अनीशा भारती, सभी अंचल अधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।