राज्यपाल ने गणतंत्र दिवस पर गांधी मैदान, पटना में किया झांडोत्तोलन, बिहारवासियों को सम्बोधित किया, जानिये भाषण में क्या बोले

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। राज्यपाल फागू चौहान ने 73वें गणतंत्र दिवस समारोह-2022 के अवसर पर गांधी मैदान, पटना में पूर्वाह्न 09ः00 बजे राष्ट्रीय झंडोत्तोलन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय धुन बजाई गई एवं राष्ट्रीय सलामी हुई। राज्यपाल के गांधी मैदान पहुंचने पर उन्हें राष्ट्रीय सलामी दी गई तथा बाद में उन्होंने खुली जीप में परेड का निरीक्षण किया। राज्यपाल ने मार्च पास्ट की भी सलामी ली। उन्होंने गणतंत्र दिवस-2022 के अवसर पर शौर्य पुरस्कार से सम्मानित विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रशंसा-पत्र भी प्रदान किया। उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों/संगठनों द्वारा निकाली गयी झाँकियों का भी अवलोकन किया। राज्यपाल श्री चौहान ने ऐतिहासिक गांधी मैदान में ‘गणतंत्र दिवस’ के अवसर पर राज्य की जनता को संबोधित करते हुए उन्हें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी।

राज्यपाल ने कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1950 में हमारा देश एक गौरवशाली संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ और संसदीय व्यवस्था पर आधारित शासन की नींव रखी गई। संविधान के माध्यम से राष्ट्र के सभी नागरिकों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय तथा विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता सुनिश्चित हुई है। संविधान के द्वारा प्रदत्त प्रतिष्ठा और अवसर की समानता तथा लोगों को गरिमापूर्ण जीवन उपलब्ध कराने के सिद्धान्त हमारे पथप्रदर्शक हैं। इन्हीं के सहारे देश के सर्वांगीण विकास की परिकल्पनायें पूरी हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत सहित पूरा विश्व कोरोना महामारी की तीसरी लहर से जूझ रहा है। इस महामारी के कारण हमारा देश पिछले दो वर्षों से प्रभावित है। विश्व के अनेक देश तो और ज्यादा समय से प्रभावित हैं। पिछले साल के अन्त तक देश में कोरोना का संक्रमण काफी कम हो गया था। बिहार में भी नये संक्रमण की संख्या लगभग नगण्य हो गई थी। परन्तु, इस वर्ष की शुरूआत से ही देश के अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी कोरोना के नये वैरियेंट ओमिक्रोन के आने से मामले अचानक तेजी से बढ़े हैं। इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार लोगों के साथ है। संक्रमण के उच्च दर को देखते हुए कोरोना जाँच की रफ्तार को बढ़ाया गया है। अबतक प्रति 10 लाख आबादी पर 5 लाख 63 हजार से अधिक जाँच हुई है और प्रतिदिन औसतन डेढ़ से दो लाख जाँच की जा रही हैं। भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों के अनुसार कोरोना पीड़ित लोगों को होम आईसोलेशन में रखा जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा मरीजों को आवश्यक दवाओं की मेडिकल किट एवं कॉल करके मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी के साथ आवश्यक चिकित्सीय परामर्श दिये जा रहे हैं। कोरोना के ईलाज के लिए डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेन्टर एवं कोविड केयर सेन्टर संचालित हैं, जहाँ मरीजों के लिए पर्याप्त सामान्य बेड एवं ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए राज्य में टीकाकरण का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है एवं लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निरंतर अनुश्रवण जारी है। अब तक 18 वर्ष से ऊपर के 6 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को टीकाकरण की पहली डोज तथा 4 करोड़ 64 लाख लाभार्थियों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। 3 जनवरी, 2022 से 15-18 वर्ष के उम्र के बच्चों का भी टीकाकरण शुरू किया गया है और अब तक 37 लाख से अधिक बच्चों को टीकाकरण की पहली डोज दी गयी है। इन सबके बावजूद कोरोना से बचाव तभी संभव है जब हमलोग इसके प्रति सजग एवं सचेत रहेंगे और कोरोना से संबंधित सभी प्रकार के नियमों एवं दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हमेशा से सुशासन एवं न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है और सभी क्षेत्रों और वर्गों के विकास के लिए राज्य सरकार संकल्पित है।

राज्य में कानून का राज स्थापित रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार द्वारा अपराध नियंत्रण एवं विधि-व्यवस्था संधारण के लिए सभी आयामों पर योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। इसके लिए पुलिस बल की संख्या में बढ़ोत्तरी की गयी है। पुलिस के लिए वाहन एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। थानों में अनुसंधान एवं विधि-व्यवस्था की अलग-अलग व्यवस्था की गयी है। आपराधिक केसों की शीघ्र सुनवाई एवं स्पीडी ट्रायल का अनुश्रवण किया जा रहा है। राज्य में सामाजिक सौहार्द्र एवं साम्प्रदायिक सद्भाव का वातावरण है। साथ ही सरकार द्वारा भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्तियां अथवा पदों के दुरूपयोग में संलिप्त भ्रष्ट लोक सेवकों के विरूद्ध कठोर एवं प्रभावकारी कार्रवाई की जा रही है। इसके अतिरिक्त वैसे माफिया तत्वों पर भी कार्रवाई की जा रही है जो अवैध एवं अनैतिक तरीके से धनार्जन में संलिप्त है।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार के द्वारा पिछले कार्यकाल में बिहार के विकास के लिए सात निश्चय कार्यक्रम लागू किये गये। इसमें स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड, स्वंय सहायता भŸा एवं कुशल युवा कार्यक्रम चलाये गये जिनका लाभ बिहार के युवक-युवतियों को मिल रहा है तथा यह आगे भी जारी रहेगा। हर घर तक बिजली पहुँचा दी गई है। हर घर तक नल का जल तथा हर घर तक पक्की गली और नाली का काम भी काफी हद तक पूरा हो चुका है। शौचालय निर्माण का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है। टोलों को ग्रामीण सड़कों से जोड़ने का काम भी ज्यादातर पूरा हो चुका है। कुछ क्षेत्रों में जो भी काम बचे हैं उन्हें भी तेजी से कराया जा रहा है। संबंधित विभाग इस पर निगरानी रखे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि विकसित बिहार की परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार ने कुछ नए संकल्प लिए हैं। इसमें सात निश्चय-2 के तहत कई योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू हो चुका है तथा अन्य की कार्य योजना तैयार की जा रही है। हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों का निःशुल्क उपचार हेतु ’’बाल हृदय योजना’’ लागू की गयी है जिसके तहत अब तक 220 बच्चों का प्रशान्ति फाउंडेशन के सहयोग से अहमदाबाद के सत्यसाईं अस्पताल में ईलाज कराया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि आधारभूत संरचना एवं मानव संसाधन के विकास की किरणें बिहार के कोने-कोने तक पहुँच रही हैं। बिहार में सड़कों तथा पुल-पुलियों का जाल बिछाकर, अब राज्य के सुदूर क्षेत्र से 5 घंटे में राजधानी पटना पहुँचने के लक्ष्य पर कार्य योजना बनाकर निर्माण कार्य चल रहा है। आधारभूत संरचना के निर्माण के बाद राज्य में पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों, पुल-पुलियों तथा सरकारी भवनों के अनुरक्षण का कार्य विभागीय स्तर पर करने की नीति बनाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना विकास का कार्य कराया जा रहा है। पटना में मेट्रो रेल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। राज्य के शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों को पुनर्गठित एवं उत्क्रमित किया गया है, जिसके फलस्वरूप नगर निकायों की संख्या 142 से बढ़कर 262 हो गयी है। इससे शहरी क्षेत्र का विस्तार हुआ है और आने वाले समय में नये शहरी क्षेत्रों में भी बेहतर नागरिक सुविधायें उपलब्ध हो सकेंगी। साथ ही नगर निगमों के मेयर/डिप्टी मेयर तथा नगर परिषद् एवं नगर पंचायत के मुख्य पार्षद्/उप मुख्य पार्षद् का आम जनता द्वारा सीधा निर्वाचन की व्यवस्था की गयी है।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार द्वारा बिजली के क्षेत्र में व्यापक सुधार लाया गया है तथा बिजली के उत्पादन, संचरण एवं वितरण की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। बिजली में हुए सुधारों का नतीजा है कि वर्ष 2005 में बिजली की आपूर्ति जहाँ 700 मेगावाट थी वह अब बढ़कर 6 हजार 600 मेगावाट से अधिक हो गई है। बिहार देश का पहला राज्य है जहाँ स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाये जा रहे हैं तथा अब तक लगभग 4 लाख स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाकर यह देश में पहले स्थान पर बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग के अंतर्गत सिंचाई सृजन एवं बाढ़ नियंत्रण प्रभागों को अलग-अलग किया गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं। इससे बड़े पैमाने पर सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूरा हुआ है एवं बाढ़ नियंत्रण में भी काफी मदद मिली है। सात निश्चय-2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुँचाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा तकनीकी सर्वेक्षण का काम पूरा कर डी०पी०आर० तैयार कर लिया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि बिहार की लगभग 85 प्रतिशत आबादी गाँवों में निवास करती है और लगभग 76 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि एवं कृषि आधारित कार्यों पर निर्भर है। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु सरकार द्वारा कृषि रोड मैप बनाकर कई महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। वर्तमान में तीसरे कृषि रोड मैप के तहत चलाये जा रहे कार्यक्रमों से कृषि एवं संबद्ध प्रक्षेत्रों में उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि एवं किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है।

राज्यपाल ने कहा कि किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाने हेतु राज्य सरकार प्रयासरत है तथा इसके लिए सरकार द्वारा पैक्स एवं व्यापार मंडल के माध्यम से धान एवं गेहूँ की अधिप्राप्ति की जा रही है। इस वर्ष खरीफ में 45 लाख मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है जिसके विरूद्ध अब तक 27.36 लाख मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की जा चुकी है और यह कार्य लगातार जारी है। पिछले वर्ष खरीफ सीजन में 35 लाख 59 हजार मेट्रिक टन धान की रिकार्ड अधिप्राप्ति हुई थी। उसके बाद रबी सीजन में 4 लाख 56 हजार मेट्रिक टन गेहूँ की भी रिकॉर्ड अधिप्राप्ति हुयी है जो पहले नाम मात्र की होती थी।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मानव संसाधन की पूरी क्षमता के उपयोग के लिए शिक्षा पर शुरू से ही विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में एक ओर जहाँ पोशाक, साईकिल, छात्रवृत्ति एवं अन्य कई योजनाएँ लागू की गइंर्, वहीं दूसरी ओर विद्यालयों के आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया गया। इसी का
परिणाम है कि अब कक्षा 9 में लड़कियों की संख्या लड़कों के बराबर पहुँच गयी है।

सरकार द्वारा बालिका शिक्षा पर शुरू से ही जोर दिया गया है। बालिका शिक्षा का प्रजनन दर से बिल्कुल सीधा संबंध है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के आलोक में 5 हजार 438 पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित हो गये हैं। शेष 2 हजार 948 उच्च माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों के मिडिल स्कूलों में 9वीं एवं 10वीं की पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है। अगले सत्रों से इन विद्यालयों में क्रमिक रूप से कक्षा 11 एवं 12 का संचालन किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार हुआ है। इसके परिणामस्वरूप वर्ष 2005-06 में जहाँ शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 61 थी, वह अब घटकर 32 हो गई है जो पहली बार राष्ट्रीय औसत के बराबर है। इसी दौरान टीकाकरण 18 प्रतिशत से बढ़कर 86 प्रतिशत, मातृ मृत्यु दर प्रति लाख पर 312 से घटकर 149 एवं कुल प्रजनन दर 4.3 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत पहुँच गयी है। अस्पतालां में बड़े पैमाने पर आधारभूत संरचना का विकास हुआ है एवं कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को 5 हजार 462 बेड की क्षमता वाले आधुनिक विश्वस्तरीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य तेजी से जारी है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समाज सुधार के कार्यक्रम लगातार चलाये जा रहे हैं। सबसे पहले शराबबंदी लागू कर सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गई। समाज सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरूद्ध राज्यव्यापी अभियान चलाया गया जिसको लोगों का पूरा समर्थन मिला है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू से ही वंचित वर्गों के लिए काम किया गया तथा इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए विशेष योजनाएँ चलाई गईं। सरकार ने महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया है और महिलाओं को रोजगार देने एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी आयामों पर काम किया जा रहा है। महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल रहा है। साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अति पिछड़ा वर्ग मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तर्ज पर सभी वर्गो की महिलाओं को उद्यमी योजना के तहत 50 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रूपये का अनुदान एवं 5 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। जीविका के अंतर्गत अब तक 10 लाख 31 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 1 करोड़ 27 लाख से भी अधिक महिलाओं को जोड़ा गया है। इससे महिलाओं में जागृति आ रही है और वे आत्मनिर्भर बन रही हैं।
राज्यपाल ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास अनुदान योजना एवं सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना का सफल संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत हर पंचायत में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के 4 तथा अतिपिछड़ा वर्ग के 3 युवाओं को लाभ दिया जा रहा है। अल्पसंख्यकों के लिए विद्यार्थी प्रोत्साहन, छात्रवृत्ति, रोजगार ऋण, कौशल विकास, महिला परित्यक्ता सहायता, मुफ्त कोचिंग आदि योजनाओं का सफल संचालन किया जा रहा है। मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना एवं अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना भी संचालित हैं। बिहार राज्य वक्फ विकास योजना के तहत पटना सहित 5 जिलों में सुन्नी वक्फ बोर्ड एवं शिया वक्फ बोर्ड की जमीन पर बहुदेश्शीय भवन, मुसाफिर खाना, विवाह भवन, वक्फ कार्यालय भवन, मार्केट कॉम्पलेक्स आदि का निर्माण/पुनर्निर्माण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिहार में उद्योगों के विकास के लिए तत्पर है। राज्य में उद्योगों के लिए आवश्यक आधारभूत संरचनाएँ एवं बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। बिहार आज निवेश के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नई संशोधित औद्योगिक प्रोत्साहन नीति-2020 लागू की गई है। कृषि एवं काष्ठ आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने हेतु नई नीति बनाई गई है। मक्का एवं गन्ना के किसानों की आय बढ़ाने हेतु विशेष इथेनॉल नीति लाई गई है जिसके तहत 151 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से 17 प्रस्तावों को केन्द्र सरकार ने अनुमति दी है एवं उनके साथ इथेनॉल खरीद का एकरारनामा किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण के संरक्षण के लिए पूरी तरह से कृत संकल्पित है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी अवयवों पर मिशन मोड में काम हो रहा है। तालाब/पोखर, आहर/पईन एवं कुँओं को अतिक्रमण मुक्त कराकर उनका जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। कुँओं तथा चापाकल के पास सोख्ता का निर्माण कार्य जारी है। नये जल स्रोतों का निर्माण कराया जा रहा है एवं गंगा जल उद्वह योजना के तहत गया-बोधगया, राजगीर एवं नवादा जैसे जल संकट वाले क्षेत्रों में गंगा नदी के पानी को पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। सरकारी भवनों में छत-वर्षा जल संचयन संरचनाओ का निर्माण कराया जा रहा है। सभी जिलों में मौसम अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत फसल चक्र तथा फसल अवशेष प्रबंधन पर किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। सौर ऊर्जा पर भी जोर दिया जा रहा है। साथ ही जल-जीवन-हरियाली जागरूकता अभियान लगातार जारी है।
उन्होंने कहा कि राज्य में हरित आवरण बढ़ाने के लिए वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना कर 24 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरूद्ध वर्ष 2018-19 तक 22 करोड़ पौधे लगाये गये। अब पौधारोपण का कार्य जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत किया जा रहा है जिसके अंतर्गत पिछले वित्तिय वर्ष में 2 करोड़ 51 लाख पौधे लगाने के लक्ष्य के विरूद्ध 3 करोड़ 95 लाख पौधारोपण किया गया। इस वित्तिय वर्ष में 5 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है जिसमें नवम्बर, 2021 तक 3 करोड़ 87 लाख से अधिक पौधारोपण हो चुका है और यह कार्य अभी जारी है। बिहार विभाजन के उपरान्त राज्य में हरित आवरण मात्र 9 प्रतिशत रह गया था जो अब लगभग 15 प्रतिशत हो गया है। राज्य में हरित आवरण के लक्ष्य को बढ़ाकर 17 प्रतिशत किया गया है जिसके लिए सरकार प्रयासरत हैं।

अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल ने कहा कि सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारा का वातावरण कायम रहे तथा पर्यावरण का संरक्षण हो और राज्य को कोरोना संक्रमण की महामारी से मुक्ति मिले। हमारा राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे। राज्यपाल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी बिहारवासियों एवं भारतीयों को शुभकामनाएँ एवं बधाई दी तथा बिहार को विकसित एवं खुशहाल राज्य बनाने में सहयोग करने का आह्वान किया।
गणतंत्र दिवस समारोह-2022 में उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना, उद्योग विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, पर्यटन विभाग, कृषि विभाग, राज्य स्वास्थ्य समिति, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास निगम, समाज कल्याण विभाग एवं जीविका, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद्, शिक्षा विभाग, बिहार रिन्युएबुल इनर्जी डेवलपमेंट एजेन्सी (ब्रेडा), ऊर्जा विभाग, बिहार के द्वारा झाँकियाँ प्रस्तुत की गईं।

गणतंत्र दिवस समारोह-2022 में प्रदर्शित की गई इन झाँकियों में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद्, शिक्षा विभाग को प्रथम पुरस्कार, उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना, उद्योग विभाग को द्वितीय पुरस्कार तथा महिला एवं बाल विकास निगम, समाज कल्याण विभाग एवं जीविका, ग्रामीण विकास विभाग को तृतीय पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा की गई। साथ ही बेस्ट पैरेड के लिए प्रोफेशनल गु्रप में सी०आर०पी०एफ, बेस्ट टर्न आउट प्रोफेशनल ग्रुप में एस०टी०एफ० तथा बेस्ट प्लाटून कमाण्डर प्रोफेशनल ग्रुप में आई०टी०बी०पी० को भी पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा की गई।

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