गोपगुट ने बैठक कर की जातीय-गणना में लगे प्रगणकों, सहायकों व पर्यवेक्षकों को शिक्षण कार्य से मुक्त करने की मांग 

दाउदनगर(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। जातीय-गणना में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को विद्यालय-कार्य से मुक्त कराए बिना उनसे गणना-कार्य करवाने की बात करना अनुचित और अन्यायपूर्ण है। यह गणना कार्य में व्यवधान पैदा करने वाला है। इसलिए बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोपगुट) मूल औरंगाबाद के जिलाधिकारी से यह मांग करता है कि जातीय-गणना के कार्य में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को गणना अवधि तक के लिए विद्यालय कार्य से पूर्णतः मुक्त किया जाए।

इस आशय का निर्णय यहां एक निजी स्कूल के प्रांगण में संघ की संपन्न बैठक में लिया गया। बैठक में उपस्थित संघ के सदस्यों ने महसूस किया कि जातीय-गणना को सुचारू ढंग से समय पर पूरा करने हेतु यह जरूरी है कि गणना-अवधि तक के लिए गणना-कार्य में लगे प्रगणकों, सहायकों एवं पर्यवेक्षकों को अन्य किसी भी किस्म की जवाबदेही से पूर्णतः मुक्त किया जाना चाहिए। बैठक में प्रस्ताव पारित कर सदस्यों ने सरकार द्वारा जातीय-गणना करवाने के निर्णय का स्वागत किया तथा इस कार्य को सुचारू ढंग से तय समयावधि के अंदर पूरा करवाने हेतु सरकार एवं प्रशासन को हर संभव सहयोग करने का निर्णय लिया। साथ ही शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों को इस् कार्य में हो रही कठिनाइयों की ओर भी सरकार एवं प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने का निर्णय लिया। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने द्वारा विगत 03 दिसम्बर 2022 को जिलाधिकारी को धरना के माध्यम से सौंपे गए मांग-पत्र पर अभी तक कोई भी  सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो पाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।

बैठक में सदस्यों ने मांग-पत्र पर डीईओ से संघ की अपने समक्ष ही बिंदुवार वार्ता कराने की  जिलाधिकारी से मांग की। इसे लेकर डीएम को स्मारित करने हेतु अलग से पत्र लिखने का भी निर्णय लिया गया।इसके अलावा संगठन को सुदृढ़ बनाने तथा सदस्यता-अभियान को गति देने से संबंधित लिए गए सभी निर्णयों को शत-प्रतिशत लागू करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने की जबकि संचालन संघ के जिला सचिव अवधेश कुमार ने किया। बैठक में संघ के राज्य स्तरीय सम्मानित अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी,  महासचिव सत्येन्द्र कुमार, जिला उपाध्यक्ष आफताब आलम, संयुक्त सचिव शाहिद अंसारी, कोषाध्यक्ष प्रह्लाद प्रसाद, कार्यकारिणी सदस्य इन्दु कुमारी, कैशामणि कुमारी, आलोक कुमार एवं मुश्ताक साबरी आदि मौजूद रहे।