औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए संकल्पित विश्वस्तरीय संगठन ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस अब ग्लोबल होने के साथ ही उसका बहुप्रतीक्षित लोगो लांच कर दिया गया है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर ने बताया कि लोगो लॉन्च किए जाने के अवसर पर जीकेसी के सौजन्य से वर्चुअल संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका संयोजन राष्ट्रीय सचिव प्रिया मल्लिक ने किया। इस दौरान बहुप्रतीक्षित जीकेसी के नये आकर्षक लोगो का अनावरण जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने किया। श्री प्रसाद ग्लोबल अध्यक्ष भी बनाये गये हैं। उन्होने कहा पूरे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कायस्थ समाज की एक अलग पहचान है। ये कहीं भी कभी भी अपनी अलग छाप छोड़ते हैं। कायस्थ समाज एक बुद्धिजीवी वर्ग है जो हमेशा समाज को एक दूसरे से जोड़ने का काम करता हैं। कहा कि बहुत कम समय में हमारे संगठन का विस्तार ग्लोबली हुआ है। जैसा कि संगठन के सात मूलाधार हैं और उसी को ध्यान में रखते हुए जितने भी पदाधिकारी हैं, वह जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं एवं कायस्थ समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत हैं।
राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर ने कहा कि देश में पांच जोनल पदाधिकारी एवं ग्लोबल उपाध्यक्ष भी नियुक्त कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि आनंद सिन्हा को डिजिटल और तकनीकी विभाग का ग्लोबल अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं निष्का रंजन को ग्लोबल सीएफओ, अवनीश श्रीवास्तव को लीगल और कॉरपोरेट, दीपक कुमार वर्मा को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रकोष्ठ, आलोक कुमार सिन्हा(यूएसए) को ग्लोबल उपाध्यक्ष, डाॅ. राजय नारायण को ग्लोबल अध्यक्ष(यूरोप), सुशील श्रीवास्तव को अध्यक्ष(नार्थ अमेरिका), सच्चिदानंद अखौरी को अध्यक्ष(आस्ट्रेलिया) बनाया गया है। इसके अलावा तीन कमिटी का गठन किया गया है, जिसमें ग्लोबल प्रेसिडेट ऑफिस, ग्लोबल एक्जीक्यूटिव काउंसिल और ग्लोबल अनुशसान समिति का भी गठन हुआ है। इसके साथ ही अंतराष्ट्रीय चैप्टर के अध्यक्ष भी नियुक्त किये गये है। वर्चुअल कार्यक्रम में जीकेसी की महिला शक्ति रितु खरे, प्रिया मल्लिक, डाॅ. नम्रता आनंद, श्वेता सुमन, संपन्नता वरूण, मृणालिनी अखौरी ने भाग लिया। सभी लोगों ने संयुक्त स्वर में कहा कि जीकेसी अपने सात मूल सिद्धांतो को आत्मसात करने के साथ ही महिलाओं के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा ने कहा कि जीकेसी के लोगों में 5 सी के साथ साथ अपने सप्तमुलाधार को भी सम्मिलित किया गया है। ग्लोब जो कि वैश्विक उपस्थिति के बारे में दर्शाता है, साथ ही कायस्थों की मूलभूत पहचान कलम एवं तलवार को के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। उन्होने बताया कि इस प्रतीक चिन्ह(लोगो) को गहन चिंतन, मनन और विचार विमर्श कर बनाया गया है। इसमें विश्व न्यायाधीश भगवान चित्रगुप्त जी महाराज की मनोहारी गोलाकार छवि संलग्न है। संगठन के पंच आधार स्तंभ क्रियेट, कनेक्ट, कमबाइन, कान्ट्रिब्यूट और चेंज और जी यानी ग्लोबल में समाहित है। कायस्थ परिवार जो अपनी आवश्यकता अनुसार विदेशों में जा तो बसे हैं लेकिन आज भी अपनी जड़ों से बंधे रहना चाहते है, जिनकी नजर में भारतीय संस्कृति और संस्कारों की आज भी अहमियत है। के का मतलब सम्पूर्ण का कायस्थ जाति का प्रतीक जिसमे कलम और तलवार विधिवत् सामंजस्य है। सी समर्पित कायस्थ भाइयों का समूह दर्शाता है। इस अवसर पर जीकेसी के सभी प्रकोष्ठो के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों ने जीकेसी के नये लोगों बनने की बधाई और शुभकामना दी है।