- टीवी देखने और मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल नींद को करता है प्रभावित : डॉ अमृता
पटना. शरीर के लिए नींद महत्वपूर्ण है. अच्छी नींद शरीर को स्वस्थ और चुस्त- दुरुस्त रखने में काफी सहायक है. जिन लोगों की नींद सही से पूरी नहीं होती है वे शारीरिक तथा मानसिक रूप से अस्वस्थ होते हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए नींद का पूरा होना उन्हें स्वस्थ रखने में काफी मददगार होता है.
पटना के सत्यदेव सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की निदेशक सह महिला चिकित्सक डॉ अमृता की माने तो गर्भावस्था में सही तरीके से नींद लेना जरूरी है. नींद नहीं आना एक सामान्य समस्या हो सकती है लेकिन इसके पीछे के कारणों को जानना चाहिए ताकि उसका निदान किया जा सके. नींद नहीं आना एक प्रकार की बीमारी है जिसे इनसोम्निया भी कहा जाता है. इनसोम्निया में बेड पर लेटने के बाद नींद आने में कठिनाई महसूस करना, सोते समय बार—बार नींद का टूटना, नींद से जागने के बाद भी थकान और सुस्ती का अनुभव होना, एक बार नींद टूट जाने पर दोबारा नींद नहीं आना और सुबह जल्दी आंख खुल जाना और दोबारा सोने में परेशानी होना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं.
गर्भावस्था में नींद नहीं आने की होती हैं ये वजहें:
गर्भावस्था में नींद नहीं आने की कई वजहें हो सकती हैं. हार्मोनल और मेटाबॉलिज्म बदलाव, वजन, कमर में दर्द के अलावा नींद नहीं आने के कई कारण हो सकते हैं जिसे पहचाने जाने की जरूरत होती है. नींद नहीं आने से गर्भवती हमेशा थकान महसूस करती हैं. कई बार गर्भवती महिलाएं तेज खर्राटे भी लेती हैं. गर्भावस्था में बढ़ते वजन के कारण भी ऐसा होता है. दिन भर सुस्ती और नींद का छाया रहना गर्भस्थ शिशु और मां के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है. गर्भावस्था में एसिडिटी के कारण भी सोने में समस्या महसूस होती है. गर्भस्थ शिशु का भार मूत्राशय और इसके आसपास की मांसपेशियों पर पड़ता है जिससे रात में बार—बार पेशाब करने की इच्छा होती है. ऐसे में नींद में बाधा आती और नींद पूरी नहीं हो पाती है.
गर्भावस्था में पेट के आकार में इजाफा के कारण आरामदायक अवस्था में लेटना मुशिकल होता है. इसलिए भी सही प्रकार से नींद आने में परेशानी होती है. कई गर्भवती प्रसव पीड़ा को लेकर बहुत अधिक तनाव में रहती हैं जो नींद नहीं आने का कारण बन जाता. गर्भावस्था में चिड़चिड़ापन, तनाव और अवसाद अनिद्रा का कारण हो सकती है.
नींद नहीं आये तो करें यह जरूरी काम : डॉ अमृता
महिला चिकित्सक डॉक्टर अमृता बताती हैं की गर्भावस्था में सही नींद आये इसके लिए जरूरी है कि हल्का व्यायाम तथा मेडिटेशन अवश्य करें. चिकित्सीय सलाह के साथ ही व्यायाम करें. सोने से पहले हल्का म्यूजिक सुनना और किताब पढ़ने से भी नींद आ सकती है. अच्छी नींद पाने के लिए सोने के समय तय करें. एक तय समय पर सोएं और जागें. दिन में कम सोएं ताकि रात में सही प्रकार से नींद आ सके. बेडरूम का वातावरण शांत और मौसम के अनुसार ठंडा या गर्म होना चाहिए. सोने से ठीक पहले बहुत सारे तरल पदार्थ और भारी खाना खाने से बचें. सोने से करीब दो घंटे पहले भोजन करने की आदत डालें. जबरदस्ती सोने की कोशिश नहीं करें. नहाने के बाद नींद अच्छी आती है. बेडरूम में टीवी देखने, वीडिया गेम खेलने तथा इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों जैसे मोबाइल फोन का बहुत अधिक इस्तेमाल गर्भवती महिलाओं की नींद में बाधा बन सकती है. नींद नहीं आती है तो बिस्तर से उठकर कुछ देर टहलें. जब नींद आने लगे तो बेड पर आकर सो जायें. सोडा, चाय या दूसरे कैफिन वाले पदार्थ कम लें. दोनों पैरों के बीच या नीचे तकिया भी लगाने से आराम मिलता है और ऐसे में अच्छी नींद आती. नींद की गोलियों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करें.