G20 के 18वें शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली के प्रगति मैदान में होगा। भारत की जी20 अध्यक्षता में होने वाली 200 से अधिक बैठकों की समाप्ति के बाद जी20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर, 2023 को होगा। इसमें जी20 सदस्य देशों और आमंत्रित देशों के शीर्ष नेता व प्रमुख शिरकत करेंगे। नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान सभी देशों के शीर्ष नेता जी20 एजेंडा के आर्थिक और दुनिया की वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा कर करेंगे, जिनमें जी20 बैठकों के दौरान हुई
प्राथमिकताओं की घोषणा को सभी सदस्य देशों द्वारा अपनाया जाएगा। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे 18वें जी20 शिखर सम्मेलन से जुड़ी खास जानकारी….
नई दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान होगा ट्रोइका
भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में जी20 ट्रोइका का आयोजन होगा। ट्रोइका में इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील देश शामिल होंगे। क्योंकि इस समूह के पास कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। इसलिए इसमें प्रेसिडेंसी को ट्रोइका में पिछली, वर्तमान और आने वाली प्रेसीडेंसी द्वारा समर्थित किया जाता है।
G20 शिखर सम्मेलन क्या है
G20 शिखर सम्मेलन के दौरान दुनिया के कई देशों के शीर्ष नेता हर साल सयुंक्त मंच पर मुलाकात करते हैं। शिखर सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की जाती है। क्योंकि G20 में शामिल सदस्य देशों की कुल जीडीपी में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 फीसदी का योगदान है। इसके साथ ही शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व के बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर और भ्रष्टाचार विरोधी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होती है।
G 20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में हिस्सा लेने वाले नेता
जी20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में दुनिया के शीर्ष देशों की प्रमुख हस्तियां अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जर्मनी की चांसलर ओल्फ शोल्ज, कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिस टुडो, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज, रूस के राष्ट्रपति ब्लादमीर पुतिन, जापान के प्रधानमंत्री देशों समेत अन्य सदस्य व आमंत्रित देशों के शीर्ष नेता हिस्सा लेंगे।
18 वें G20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित देश
जी20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के अलावा कई अन्य देशों को आमंत्रित किया जाता है। भारत ने जी20 की अध्यक्षता के दौरान बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात देशों को न्यौता दिया है। इस वार्षिक शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आमंत्रित देशों के राष्ट्राध्यक्ष व प्रमुख हिस्सा लेंगे।
G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय संगठन
भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान नियमित अंतर्राष्ट्रीय संगठन UNO, IMF, WB, WHO, WTO, ILO, FSB और OECD और क्षेत्रीय संगठनों AU , AUDA-NEPAD और ASEAN के अध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा को ध्यान में रखते हुए ISA अंतर्राष्ट्रीय सोलर गठबंधन को भी आमंत्रित किया है। साथ ही भारत ने CDRI और ADB को भी अतिथि संगठन के रूप में न्यौता दिया है।
एक नजर G20 पर
जी20 यूरोपियन यूनियन और 19 देशों के अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक समूह है। इसकी स्थापना
एशियाई वित्तीय संकट के बाद 1999 में हुई थी। जी20 वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों का एक संयुक्त मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, टर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
आइए जानते है G20 समूह कैसे काम करता है
जी20 की अध्यक्षता के तहत एक वर्ष के लिए अध्यक्ष देश द्वारा जी20 एजेंडा का संचालन किया जाता हैं। साथ ही अध्यक्ष देश द्वारा एक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। जी20 में दो समानांतर ट्रैक फाइनेंस ट्रैक और शेरपा ट्रैक होते हैं। वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर वित्त ट्रैक का नेतृत्व करते हैं जबकि शेरपा शेरपा ट्रैक का नेतृत्व करते हैं। जी20 सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 फीसदी, वैश्विक व्यापार के 75 फीसदी से अधिक और विश्व जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं।