जीवन में कभी पीएम नहीं बनेगें नीतीश कुमार : आरसीपी सिंह
डूबने वाली जहाज हैं जदयू : आरसीपी सिंह
पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। जनता दल यू (Jdu) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय इस्पात मंत्री रहे रामचंद्र प्रसाद सिंह (RCP Singh) ने शनिवार को जदयू से इस्तीफा दे दिया। आरसीपी सिंह ने नालन्दा के अपने पैतृक गांव में पत्रकारों से बातचीत के दौरान इसकी घोषणा की। इस्तीफा देने के बाद आरसीपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे 7 जन्म में भी प्रधान मंत्री नहीं बन सकते हैं। जदयू अब डूबती हुई जहाज है उसे छोड़ देने में ही ठीक है।
साल 2013 से 22 तक पत्नी और पुत्री के नाम से खरीदे गए जमीन के आरोपों के बीच देर शाम प्रेस वार्ता के बाद आरसीपी सिंह ने यह फैसला लिया । अपने गांव मुस्तफापुर में आयोजित प्रेस वार्ता में खुलकर अपनी भड़ास निकाली। कहा कि सब कुछ का इलाज हो सकता है, ईर्ष्या का नहीं। उन्होंने कहा कि आखिरी मुलाकात डेढ़ घंटे की सीएम नीतीश कुमार से हुई थी। उसी वक्त कहना था कि आपको टिकट नहीं देंगे। आज मेरे ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है। मेरे या मेरी बेटी के नाम पर जो भी जमीन है, उसके सारे दस्तावेज है। गांव में जमीन सस्ती है, मैने खरीदा। इनकम टैक्स के रिटर्न फाइल में सबका जिक्र है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज जो लोग पटना में परिक्रमा कर रहे है, कल तक पार्टी का विरोध करते थे। खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताते थे। झोला ढोने वालों की पार्टी बनकर रह गई है जदयू। पिछले एक साल से कोई कार्यक्रम हुआ है क्या। पहले जिलाध्यक्ष का चुनाव समय पर नहीं होता था। आज तो जिला, प्रखंड व बूथ स्तर पर अध्यक्ष बनाए गए।
जदयू में कार्यकर्ताओं की कोई इज्जत नहीं है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि इस डूबते हुए जहाज को छोड़ दें, किसी और जगह चला जाए। सभी को मैं कांटा लगने लगा। अगर कांटा होता तो चुभता। ऐसा नहीं है कि सांसद बनने से पहले मैं काम नहीं करता था। आईएएस था मैं।
जानिए क्या लगाया गया है आरसीपी सिंह आरोप
खरीदी गई ज्यादातर जमीनें आरसीपी सिंह की पत्नी (गिरजा सिंह) और दोनों पुत्रियों (लिपि सिंह, लता सिंह) के नाम पर है। एक आरोप यह भी है कि आरसीपी ने खासकर 2016 के अपने चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र नहीं किया है। 4 सितंबर 2014 एवं 15 सितंबर 2014 को सिलाव (नालंदा) के बिशेश्वर साव ने 2 प्लॉट खरीदे। और 3 दिन बाद यानी 18 सितंबर को ये दोनों प्लॉट लिपि सिंह व लता सिंह के नाम बेच दिया। ऐसे 2 और मामले हैं, जिसमें 6 दिन और 8 महीने में दूसरे से खरीदी गई जमीनों को खरीदने वाले ने लिपि सिंह, लता सिंह और लिपि सिंह को जमीन बेच दी। कुल 35 पन्नों में जमीन की खरीद और इससे जुड़े दूसरे विवरण हैं। इस्लामपुर (हिलसा) अंचल के सैफाबाद मौजा में 12 तथा केवाली अंचल में 12 प्लॉट खरीदे गए। यह खरीद 2013 से 2016 के दौरान हुई। ये प्लॉट लिपि सिंह व लता सिंह के नाम पर खरीदे गए। 28 अप्रैल 2014 को चरकावां (नीमचक बथानी, गया) के नरेश प्रसाद सिंह ने बेलधर बिगहा (छबीलापुर, नालंदा) के धर्मेंद्र कुमार को दान में जमीन दी। बाद में धर्मेंद्र कुमार ने यही जमीन लिपि सिंह व लता सिंह के नाम बेच दी।
अस्थावां में खरीदे 34 प्लॉट
जदयू के दस्तावेज के अनुसार, अस्थावां के शेरपुर मालती मौजा में 33 प्लॉट की खरीद हुई। इनमें 4 प्लॉट 2011 व 2013 में लता सिंह व लिपि सिंह के नाम पर खरीदे गए। पिता के रूप में आरसीपी सिंह का नाम है। बाकी 12 प्लॉट गिरजा सिंह और 18 प्लॉट लता सिंह के नाम पर खरीदे गए। महमदपुर में 2015 में एक प्लॉट गिरजा सिंह के नाम पर खरीदा गया।
प्रदेश अध्यक्ष ने पूछे सवाल
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी को पत्र भी लिखा था जिसमे कहा है कि -’नालंदा जिला जदयू के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद पत्र प्राप्त हुआ है। इसमें उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके और आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत संपत्ति निबंधित कराई गई है। इसमें कई प्रकार की अनियमितता दृष्टिगोचर होती हैं। आप लंबे समय तक दल के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं। आपको, हमारे माननीय नेता ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव (संगठन), राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर, पूर्ण विश्वास एवं भरोसा के साथ दिया।
मेरी पुश्तैनी जमीन है
आरसीपी ने कहा कि लोग कहते है कि मैने भ्रष्टाचार किया है। पता लगाइए न। मेरी पुस्तैनी जमीन है। बेटी ने जो भी खरीदा सब अपनी कमाई से खरीदा। यूपी में जाकर पता लगाइए, सेवा काल में किसी का एक कप चाय भी पिया है क्या। मंत्री बने तो किसी से सेवा लिया क्या। साजिश करके मेरी छवि को धूमिल करना चाहते है। मैं जमीन का नेता हूं। घबराने वाला नहीं। ऐसा कोई केंद्रीय मंत्री नहीं मिलेगा जो दिल्ली से आकर अपने गांव में रहता हो। जो मेरी प्रॉपर्टी चेक करवाना चाहते है, खुद का करवा लें। हालांकि वे अभी किस पार्टी में जायेंगे इसका निर्णय साथियों के राय के बाद लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि जदयू डूबती हुई नैया है सात जन्म तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नहीं बन सकेगें।