बिहार में पहली बार महिला पुरोहित ने कराई शादी : टूटी कई परंपरा, जानिए क्या है इस शादी में खास

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। बिहार की राजधानी पटना में आज एक अनोखी शादी संपन्न हुई। इस शादी में कई परंपराएं टूटी तो कई ऐसी चिजें हुई जो समाज के लिए नजीर पेश कर रहीं हैं। बिहार में पहली बार किसी शादी को महिला पुरोहित ने वैदिक मंत्रोच्चार व पूरे विधि विधान के साथ संपन्न कराया। यह शादी पटना में भाजपा के विधान परिषद सदस्य (MLC) व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय पासवान की बेटी प्रो. अदिति नारायणी है। यहां शादी कराने दो महिला पुरोहित महाराष्ट्र से पटना पहुंची। प्रो. अदिति JNU की रिसर्च स्टूडेंट रहीं हैं। वह महिला सशक्तीकरण के विषयों पर काम करती रही हैं। यही वजह है कि अपनी शादी के जरिए भी उन्होंने सामाजिक जागृति लाने की कोशिश की है। अदिति अभी दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्रेयी कॉलेज में लेक्चरर हैं।

ईशादी करातीं महाराष्ट्र से आईं महिला पुरोहित

अदिति की शादी 8 दिसंबर को पटना के एमएलसी आवास में संपन्न हुई। इस शादी की खास बात यह थी कि ये पूरी शादी दिन में हुई। आमतौर पर बिहार और यूपी जैसे हिन्दी भाषी राज्यों में शादियां रात में संपन्न होती है। अदिति के पिता संजय पासवान हैं, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और वर्तमान में भाजपा के विधान पार्षद हैं। इस लिहाज से देखें तो अदिति की शादी एक VIP शादी है, लेकिन यहां असल आकर्षण तो महिला पुरोहितों द्वारा कराया जा रहा वैवाहिक अनुष्ठान है।

महाराष्ट्र से आई हैं 2 महिला पुरोहित

महाराष्ट्र के थाणे जिला की गौरी खुंटे और वृंदा दांडेकर, महिला पुरोहित हैं। ये दोनों पटना शादी का अनुष्ठान संपन्न कराने पहुंची हैं। गौरी खुंटे ने 25 साल पहले वेदों की पढ़ाई शुरू की थी। शुरुआत में घर के अनुष्ठानों को संपन्न कराया और फिर साल 2000 से घर के बाहर धार्मिक अनुष्ठान कराना शुरू कर दिया। बाहर पूजा कराने लगी तो धमकी भरे फोन आने लगे, लेकिन गौरी रुकी नहीं। गौरी को इस काम में उनकी मदद की उनके परिवार ने। इसके बाद वृंदा से उनकी मुलाकात हुई, फिर दोनों ने मिलकर न सिर्फ शादियां कराईं बल्कि और लड़कियां और महिलाओं को भी धार्मिक अनुष्ठान करना सिखाया। गौरी और वृंदा अब तक 6 शादी करा चुकी हैं।

दुल्हन ने परिवार के सामने रखी थी चाहत

महिला पुरोहित से शादी करवाने की चाहत अदिति की थी। उन्होंने पहले अपने परिवार और फिर ससुराल पक्ष के लोगों को इसके लिए तैयार किया। महिला पुरोहितों की खोज भी अदिति के लिए आसान नहीं थी। उन्हें वैदिक रीति से शादी कराने वाली महिला पुरोहित चाहिए थीं। अदिति कहती हैं कि- “पहले मैंने प. बंगाल के जाधवपुर यूनिवर्सिटी की महिला पुरोहितों से संपर्क किया। लेकिन, पता चला वो वैदिक रीति रिवाज से शादी नहीं करातीं तो फिर मैंने महाराष्ट्र की गौरी खुंटे से संपर्क किया और वह यहां आने के लिए मान गईं।”

शादी के बारे में संजय पासवान बताते हैं कि ये शादी जातिये बंधन से मुक्त व दहेज मुक्त है। सीता राम विवाह के मौके पर उदया तिथि में शादी संपन्न हुई। शादी में महिला पुरोहित रख ये संदेश दिया गया है कि शादी सिर्फ पुरुष पुरोहित ही नहीं महिलाएं भी करा रही हैं। धार्मिक व सामाजिक आयोजनों में महिला पुरोहितों को आमंत्रित कर इस परंपरा को आगे बढ़ाएं।

शादी में आर्शीवाद देने पहुंचे सीएम समेत कई हस्तियां

इस शादी समारोह में कई हस्तियां वर-वधु को आर्शीवाद देने पहुंचे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, उद्योग मंत्री शहनवाज हुसैन, मंत्री विजय चौधरी, अशोक चौधरी, जमा खान, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे आरएसएस विचारक राम माधव, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रेस सलाहकार रहे सुरेंद्र कुलकर्णी, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, जाप सुप्रीमो पप्पू यादव, सांसद रामकृपाल यादव समेत आरएसएस, भाजपा, कांग्रेस, राजद समेत कई दलों के बड़े नेता इस ऐतिहासितक शादी के गवाह बने।

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