बिहार में भी एकजुट होने लगे किसान संगठन, कृषि कानून के खिलाफ तेज होगा संघर्ष

पटना (लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति‚ बिहार इकाई की बैठक शनिवार को केदार भवन में हुई जिसमें बिहार में भी किसान आंदोलन तेज करने का फैसला लिया गया।

बैठक में प्रस्ताव पारित कर कहा गया है कि किसान विरोधी तीनों काला कानून वापस लो‚ प्रस्तावित बिजली बिल तथा पराली जलाने पर किसानों को जुर्माना एवं जेल का कानून वापस लो की मांग को लेकर दिल्ली के बार्डर पर घेरा डालो –डेरा डालो आंदोलन के तहत इस भीषण ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे भूखे–प्यासे बच्चे‚ बूढ़े एवं महिलाओं सहित लाखों किसानों के अपार कष्ट तथा इस आंदोलन में 15 किसानों की शहादत के बावजूद केंद्र सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने की लगातार झूठी अफवाह फैला रही है।

14 दिसम्बर को देशव्यापी किसान आंदोलन के तहत बिहार के सभी जिलों सहित राज्य की राजधानी पटना में किसान धरना–प्रदर्शन एवं प्रतिरोध मार्च निकालेंगे। पटना में बुद्ध स्मृति पार्क से किसानों का कारवां समाहरणालय की ओर कूच करेगा‚ साथ ही 29 दिसम्बर को बिहार के किसान राज्यपाल को ज्ञापन देने के लिए राजभवन मार्च करेंगे।

बैठक में दिल्ली में किसान आंदोलन में शहीद हुए 15 किसान साथियों एवं प्रगतिशील किसान संघ के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र गिरी के आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजलि दी गई तथा उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। बैठक की अध्यक्षता एआईकेकेएमएस के नेता मणिकांत पाठक ने की।

बैठक में ऑल इंडिया किसान संघर्ष समंवय समिति के कार्य समिति के सदस्य राजाराम सिंह ने दिल्ली में हो रहे आंदोलन की वृहद चर्चा की। बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने संघर्ष की कार्योजना पेश की। जिसका समर्थन बिहार राज्य किसान सभा जमाल रोड के सचिव विनोद कुमार, ऑल इंडिया किसान महासभा के सचिव रामाधार सिंह सहित विभिन्न किसान संगठनों के नेता अमेरिका महतो, बैजनाथ सिंह, राम जीवन सिंह, गोपाल कृष्ण, इंद्रदेव राय, रामवृक्ष राम, सुभाष यादव, जर्मन सिंह, मनोज, नीरज निराला, ॠषि आनंद ,अनामिका, राम भजन सिंह यादव, बाल गोविंद सिंह, जवाहर निराला, उमेश सिंह, संगम, उडयन राय, रामाधार सिंह, सोनेलाल प्रसाद , डॉ विनय सिंह आदि ने अपना ने विचार व्यक्त किए।