कार्यपालक सहायकों व मौसमी कर्मचारियों ने दिया धरना

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। समायोजन के लिए प्रतीक्षारत स्वास्थ्य विभाग से हटाए गए कार्यपालक-सहायको एवं न्याय निर्णय के आलोक में  नियमितीकरण के लिए प्रतीक्षारत सिंचाई विभाग के मौसमी कर्मियों ने अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ(गोप गुट) के बैनर तले शुक्रवार को संयुक्त रूप से धरना दिया। धरना को संबोधित करते हुए महासंघ(गोप गुट) के जिला सचिव सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि आज की तारीख में पूरे बिहार में सिंचाई विभाग के मौसमी कर्मचारी तथा विभिन्न विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायक सर्वाधिक शोषित-उत्पीड़ित समुदाय है जिनकी समस्याओं का हल निकालने के कार्य को महासंघ(गोप गुट) सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

उन्होंने कहा कि जब तक इनकी समस्याएं हल नहीं हो जाती है, तब तक न तो हमारा संगठन चैन से बैठेगा और न हीं हम सरकार को चैन की नींद सोने देंगे। कहा कि स्वास्थ्य विभाग में विगत सात-आठ वर्षों से कार्यपालक सहायक के रूप में पूरे राज्य में हजारों युवक-युवतियां कम्प्य़ूटर ऑपरेटर के रूप में कार्य कर रहे थे । यद्यपि कि ये कार्यपालक सहायक मात्र नौ से ग्यारह हजार रुपए के अत्यल्प मासिक मानदेय पर ही कार्य कर रहे थे लेकिन मौजूदा सरकार ने इन नौजवानों को बिना किसी कारण के अचानक ही नौकरी से निष्कासित कर दिया है । इस तरह से इन पढ़े-लिखे युवक-युवतियों को एकबारगी ही सड़कों पर फेंक दिया गया है जिसके कारण ये विगत करीब छह माह से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

धरना को संबोधित करते हुए जिला कार्यपालक सहायक संघर्ष मोर्चा के सह संयोजक गणेश कुमार रौशन ने कहा कि औरंगाबाद जिले में चौबीस कार्यपालक सहायक शुरू में तो प्रतीक्षारत थे कि नियमानुसार उन्हें जिलाधिकारी द्वारा पंचायतीराज विभाग में नियोजित कर लिया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा इन्हे इस आशय का आश्वासन भी दिया जाता रहा लेकिन अब छह माह के बाद उन्हें टका सा जवाब दे दिया गया है जिसके कारण इन कार्यपालक सहायकों का भविष्य अब अंधेरे में डूबता दिखाई दे रहा है। चुकी इनकी सेवा को साठ साल की उम्र तक करने से संबंधित आदेश सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा निकाला जा चुका था जिसके कारण इन्होंने एक लंबे समय से दूसरी किसी नौकरी के लिए प्रयास करना भी बंद कर दिया था और स्वयं को इसी कार्य के लिए व्यवस्थित और समर्पित कर दिया था।

आज जबकि इन्हे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है तो इनके भविष्य में अब सिर्फ अंधेरा हीं अंधेरा दिखाई दे रहा है। धरना को संबोधित करते हुए बिहार राज्य सिंचाई विभाग मौसमी कर्मचारी संघ के जिला सचिव अर्जुन प्रसाद सिंह ने कहा कि सिंचाई विभाग के मौसमी कर्मचारियों के साथ हुए अन्याय का आलम यह है कि उच्च न्यायालय के अनुकूल न्याय निर्णय एवं दस बीस वर्षों से लगातार कार्यरत रहने के बावजूद हमें एक लंबे समय से नियमित नहीं किया जा रहा है जबकि इसी जिले में मात्र चार-पांच दिन दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्य करने वाले 215 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को पिछले वर्ष 2015 में इसी जिले में नियमित चतुर्थ वर्गीय कर्मी के रूप में नियुक्त कर लिया गया। उन्होंने कहा कि यह सरासर अन्याय है जिसे बिहार का मौसमी कर्मचारी बर्दाश्त नहीं करेगा।

धरना को संबोधित करते हुए सिंचाई विभाग मौसमी कर्मचारी संघ के नेता पुरुषोत्तम द्विवेदी ने कहा कि आज सिंचाई विभाग में हम मौसमी कर्मचारियों की भी विभाग में वही स्थिति है जो समाज में सर्वाधिक दलित-उत्पीड़ित वर्गों की है। हम मौसमी कर्मियों को विगत दस-बीस वर्षों से प्रतिदिन मात्र 273 रुपए की मजदूरी पर खटाया जा रहा है। पदाधिकारियों द्वारा हम से बेगारी भी करवाई जाती है तथा हमें सालों भर काम भी नहीं दिया जाता है। हमें अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए विभाग द्वारा सायकिल, मोबाइल, छाता, बरसाती, टॉर्च, वर्दी, सिटी एवं अन्य आवश्यक औजार भी उपलब्ध नहीं कराया जाता है।

काफी जोखिम वाले क्षेत्रों में सभी तरह के मौसम में रात-दिन नहरों पर निर्जन स्थानों पर अपनी सेवा देने वाले इन मौसमी कर्मियों का जीवन बीमा भी सरकार नहीं कराती। यह हमारे साथ अन्याय है जिसे हम अब और ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त करेंगे । धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महासंघ(गोप गुट) के जिलाध्यक्ष राम ईसरेश सिंह ने कहा कि मौसमी कर्मचारी एवं कार्यपालक सहायक राज्य कर्मियों की जमात में सर्वाधिक शोषित-उत्पीड़ित श्रेणी में आते हैं जिनके हितों के लिए होने वाले संघर्षों को हमारा महासंघ  सर्वोच्च प्राथमिकता देता है । लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बाकी राज्य कर्मियों के सारे संवर्गों के लोगों की कोई समस्या हीं नहीं है ।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों के बकाया एरियर का भुगतान, स्नातक एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर प्रोन्नति, बकाया एमएसीपी(एसीपी) में प्रोन्नति आदि कुछ ऐसी ज्वलंत समस्याएं हैं जिसका समाधान न हो पाने के कारण जिले के सारे शिक्षक और कर्मचारी हताश और निराश हैं। धरना को संबोधित करते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ(गोप गुट)’मूल’ के जिला सह-संयोजक संजय कुमार सिंह ने कहा कि इस जिले के ‘जिला शिक्षा पदाधिकारी’ के कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है जबकि शिक्षक हित के सारे कार्य वर्षों से लंबित है। राज्य सरकार के स्पष्ट आदेश के बावजूद इस जिले में शिक्षकों का स्नातक ग्रेड और प्रधानाध्यापक के पदों पर प्रोन्नति पिछले करीब पांच वर्षों से लंबित है।

यहां तक कि शिक्षकों का बकाया एरियर भी बिना पैसे लिए भुगतान नहीं हो पा रहा है। एसीपी प्राप्त सैकड़ों शिक्षकों का एरियर भुगतान नहीं हो पा रहा है जबकि कई शिक्षक रिटायर्ड होकर घर जा चुके हैं। धरना की अध्यक्षता महासंघ(गोप गुट) के जिलाध्यक्ष राम इशरेश सिंह ने की। इनके अलावा धरना को मौसमी कर्मचारी संघ के दाऊदनगर प्रमंडलीय कमिटी के सचिव अरविंद कुमार, अध्यक्ष रविन्द्र कुमार उर्फ बबन जी, प्राथमिक शिक्षक संघ(गोप गुट)’मूल ‘ के सम्मानित अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी, मौसमी कर्मचारी संघ के विजय कुमार सिंह, रविशंकर कुमार,अरविंद कुमार सिंह, रविन्द्र कुमार उर्फ बबन जी, कार्यपालक सहायक संघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष कमल यादव आदि ने भी संबोधित किया।

धरना में बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष कर्मी मौजूद थे। अंत में महासंघ के नेतृत्व में शिक्षकों एवं कर्माचारी नेताओं का एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी से मिला तथा अपनी मांगों के संदर्भ में बिंदुवार वार्ता की तथा अंत में उन्हें अपने मांग पत्र सौंपा। जिलाधिकारी ने शिष्टमंडल को कर्मचारियों एवं शिक्षकों की समस्याओं के समाधान हेतु अपने स्तर से सर्वोत्तम प्रयास करने का आश्वासन दिया। कहा कि जो मांगें राज्य सरकार से संबंधित से संबंधित हैं, उस पर उन्होंने सरकार को लिखने का आश्वासन दिया।