औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल आपूर्ति निश्चय योजना के तहत औरंगाबाद जिले के कुल 2098 वार्डों में ग्राम पंचायतों द्वारा शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
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सरकारी सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में लगभग 2001 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। इन सभी योजनाओं की गुणवत्ता उच्च कोटि की हो और इन योजनाओं से प्रत्येक परिवार को शुद्ध जल लगातार मिलता रहे, इसके लिए प्रशासन कृत संकल्पित है। प्रत्येक योजना का निरीक्षण किया जा रहा है, वीडियोग्राफी भी करायी जा रही है और प्रतिवेदन प्राप्त किया जा रहा है। प्रत्येक योजना का भौतिक निरीक्षण जिलास्तरीय पदाधिकारियों द्वारा कराया जा रहा है। साथ ही लाभुकों के बयान के साथ उनकी वीडियोग्राफी की जा रही है। सरकार द्वारा योजनाओं के तकनीकी कार्यों हेतु चार पंचायत पर एक तकनीकी सहायक की नियुक्ति की गई है जिनका कार्य इन योजनाओं का सुचारु संचालन करना है। प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार समीक्षा हेतु जिला स्तर पर एक अनुश्रवण दल का भी गठन किया गया है। इस दल द्वारा प्रत्येक वीडियो का सूक्ष्म रूप से एवं प्रभावपूर्ण अध्ययन किया जा रहा है तथा जिनकी गुणवत्ता खराब है एवं क्रियाशील नहीं है तथा जिनसे जलापूर्ति नहीं हो पा रही है, की सूचना जिला कार्यालय को दी जा रही है।
जिला कार्यालय द्वारा इन सभी योजनाओं में पाई गई त्रुट्टियों के निराकरण हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया जा रहा है। साथ ही इन सभी योजनाओं के संबंधित तकनीकी सहायकों के साथ बैठक की जा रही है और निराकरण हेतु आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं। कमियों का निराकरण कराया जा रहा है। साथ ही साथ सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि एक निश्चित मात्रा में प्रत्येक सप्ताह योजनाओं का निरीक्षण करें उनका वीडियो बनाएं और जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि सभी योजनाएं लगातार क्रियाशील रहे। योजनाओं के रखरखाव हेतु ₹24000 दिए जाएंगे। ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया गया है कि वे तत्काल वार्डो को अनुरक्षण शुल्क के रूप में ₹24000 उपलब्ध कराएं। इन योजनाओं के देख रहे हेतु एक अनुरक्षक की व्यवस्था की गई है। इन अनुरक्षकों को मानदेय के रूप में ₹1000 प्रति माह दिए जाने का प्रावधान है। सरकार का प्रयास है कि सभी योजनाएं चालू एवं क्रियाशील रहे तथा उनकी गुणवत्ता बनी रहे। दोषी मुखिया, वार्ड सदस्यों, तकनीकी सहायक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।