- ग्रामीणों ने बताया महज 1 साल में बनी सड़क धाराशाही हो गया
- ग्रामीणों को आने जाने में हो रही है परेशानी
- मेहसे गांव में वर्षो के पानी सड़क की संपर्क टूटी
मधुबनी(गोपाल कुमार)। मधुबनी जिले के खुटौना प्रखंड क्षेत्र के कारमेघ मध्य पंचायत अंतर्गत मेहसे गांव में एक साल पहले बनी सड़क की स्थिति बद से बत्तर बनी हुई है। सड़क पर दर्जनों से अधिक जगहों पर दरार पड़ चुकी है, वहीं बुधवार को अचानक पानी बढ़ने से आठ से 10 फिट तक सड़क टूट गई है। भले ही बिहार में सड़क का जाल बिछाने और करोड़ों रूपए खर्च करने की दावा कर ले लेकिन सच्चाई है कि स्थानीय प्रतिनिधि और प्रशासन के संवेदनहीनता के कारण मेहसे गांव जाने वाली सड़क का संपर्क टूट गया है।
बिहार सरकार मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मेहसे मध्य विद्यालय से मेहसे गांव की लंबाई 0.511 किलोमीटर है। 41. 588 लाख राशि से बनी इस सड़क का शिलान्यास 29 फरवरी को पूर्व आपदा प्रबंधन मंत्री सह जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मेश्वर् राय ने की थी। सड़क का कार्य प्रारंभ 2019 में हुई और पूर्ण रूप से सड़क का कार्य 3 सितंबर 2020 में हुई। जिसके संवेदक विश्वनाथ यादव है। सड़क की संपर्क टूटने से देखते – देखते लोगो के घरों में पानी घुसने लगा। लोगो का अब जीना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले कोरोना का मार झेल रहे थे। अब सड़क टूट जाने से बाढ़ की जल जमाव से लोगो में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है। इस समस्या को कोई सुनने वाला नहीं है।
इस गांव के लोगो को पीने तक का शुद्ध पानी नसीब नही हो रहा है मेहसे गांव में बाढ़ के कारण लोगो का जन–जीवन अस्त– व्यस्त दिखाई दे रहा है। सड़क टूटने को लेकर अब ग्रामीणों में आक्रोश भी गहराने लगा है। अब बाढ़ का पानी धीरे – धीरे खेत – खालियानो में कम होने लगा है। लेकिन लोगो की परेशानी अभी भी बरकरार है। जलप्रलय के सामने लोग बेबस व लाचार बने हुए है। आधा दर्जन गांव चारो ओर से बाढ़ के पानी से घिरकर टापु बना हुआ है। बीते कई दिनों से बाढ़ का पानी जमे रहने के कारण अब लोग सर्दी,बुखार, सिरदर्द जैसी बीमारियों से आक्रांत होने लगे है।
बाढ़ से घिरे मेहसे , डुबरबोना, कोलहट्टा, कमलपुर धनुषी बाजार टोला गांव की हालत सबसे खराब है। मेहसे गांव दर्जनों परिवार विस्थापित होकर दूसरे जगह व्यतीत कर रहे है। लोगो के अनुसार बुधवार को सड़क पर बाढ़ का पानी रिसाव के कारण सड़क का संपर्क टूट गया। इस कारण हजारों एकड़ खेत की फसल बर्बाद हो गया है। वही घरों में भी पानी प्रवेश कर गया है। रहना दुर्लब हो गया है।
गांव के ही ग्रामीण मनोज, अशोक कामत, हरेराम कामत फूले कामत, नारायण कामत, बलराम कामत, राजेश कामत, विजय मंडल, मनोज कुमार कामत, अशोक कामत के अनुसार संवेदक और पदाधिकारियों की मिलीभगत से इस सड़क का हाल ऐसा हुआ है। जिस समय का सड़क का निर्माण हो रहा था। उस समय ही ग्रामीणों ने इसका विरोध कर अधिकारियों से शिकायत की थी। इसके बावजूद सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया और आज उसी का नतीजा है, कि सड़क टूट कर मिट्टी में मिल गई है।
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