औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने सदर प्रखंड के के लिपिक सह तत्कालीन नाजिर रणधीर कुमार सिंह को अवैध राशि की उगाही करने एवं भ्रष्टाचार में लिप्त रहने की शिकायत के आलोक में निलंबित कर दिया है। साथ ही भ्रष्टाचार में सहयोग के आरोप में बीडीओ से प्रभार छीनते हुए शोकॉज किया है।
जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने बताया कि इस शिकायत की जांच के दौरान वरीय उप समाहर्त्ता सह जिला नजारत उप समाहर्ता मनीष कुमार ने भी प्रतिवेदित किया है कि पंचायत निर्वाचन, 2021 में व्यय की गयी राशि के अभिश्रव में लिपिक रणधीर कुमार सिंह द्वारा गड़बड़ी की गई है। साथ ही शिकायत की जांच हेतु औरंगाबाद प्रखंड के प्रधान लिपिक द्वारा निर्वाचन संबंधी अभिश्रव को जिला लाया गया था। जांच में तत्कालीन नाजिर रणधीर कुमार सिंह ने अभिश्रव में गड़बड़ी की बात को स्वीकार किया था। इसी कड़ी में 16 जुलाई को पुनः जांच के दौरान तत्कालीन नाजीर से जानकारी लिये जाने पर बताया गया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा उन्हें ऐसा करने को कहा गया। यह कृत्य नाजिर के भ्रष्टाचार में संलिप्तता को दर्शाता है तथा बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली-1976 के कंडिका – 3.1 की उप कंडिका-(1), (2), (3) में निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। इसी के आलोक में जिलाधिकारी ने बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली-2005 के नियम-9(2) के आलोक में तत्कालीन नाजिर को भ्रष्टाचार में संलिप्त रहने का दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया। निलम्बन अवधि में नाजिर का मुख्यालय गोह प्रखंड निर्धारित किया गया है।
साथ ही डीएम ने जिला स्थापना उप समाहर्त्ता को निर्देश दिया कि सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार पटना की अधिसूचना संख्या-15983, दिनांक- 14.12.2017 के परिप्रेक्ष्य में नाजिर के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु विहित प्रपत्र में आरोप पत्र गठित कर एक सप्ताह के अंदर उपस्थापित करना सुनिश्चित करें।साथ ही औरंगाबाद के प्रखंड विकास पदाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की गई कि क्यों न उनकी मिलीभगत मानते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाय। इसके अतिरिक्त औरंगाबाद में पदस्थापित वरीय उप समाहर्ता(परीक्ष्यमान) आलोक कुमार को 20 जुलाई से अगले आदेश तक औरंगाबाद के प्रखंड विकास पदाधिकारी का सम्पूर्ण प्रभार सौंपा गया है। श्री कुमार औरंगाबाद के प्रखंड विकासपदाधिकारी के सम्पूर्ण प्रभार में रहकर कार्य करना सुनिश्चित करेंगे।अधिसूचित प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश दिया गया है कि वे औरंगाबाद प्रखंड का सम्पूर्ण प्रभार श्री कुमार को सौंपकर अनुपालन प्रतिवेदन भेजना सुनिश्चित करेंगे। साथ बिहार कोषागार संहिता के नियम-84 में प्रदत्त शक्ति के आलोक में श्री कुमार को औरंगाबाद प्रखंड कार्यालय के सभी शीर्षों के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी की शक्ति भी प्रदान की गई है। अब अगले आदेश तक आलोक कुमार वरीय उप समाहर्ता सदर प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी के तौर पर कार्य करेंगे।