औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बुधवार को जिले के सभी प्रखंडों में स्वचालित मौसम केन्द्र(एडल्यूएस) एवं जिले के सभी 203 पंचायतों में एआरजी के अधिष्ठापन कार्य की समीक्षा की।
वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से आहुत समीक्षा बैठक में अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, अवर सांख्यिकी पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, सभी कृषि समन्वयक एवं सभी किसान सलाहकार शामिल रहे। बैठक में अपर समाहर्ता ने एडल्यूएस-एआरजी के महत्व पर विस्तृत रूप चर्चा की। कहा कि वर्षापात के सहीं आंकड़ों के संग्रह एवं इसके क्रियान्वयन हेतु जिले के सभी प्रखंडों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन एवं जिला के सभी पंचायतों में ऑटोमेटिक रेन गेज के अधिष्ठापन का कार्य योजना एवं विकास विभाग द्वारा कराया जा रहा है। जिले में एआरजी का निर्माण कार्य स्पैटिका इंफाॅर्मेशन टेक्जालाॅजीज के माध्यम से किया जा रहा है।
एडल्यूएस-एआरजी से रियल टाइम डाटा यथा वर्षापांत, तापमान आर्द्रता आदि से संबंधित ऑकड़ों का रियल टाइम डाटा फ्लड मैनेजमेंट इंफाॅर्मेशन सिस्टम (एफएमआइएस) पर प्राप्त हो सकेगा। इस डाटा को आइएमडी, इसरो के साथ साझा किया जायेगा, जिससे पूर्वानुमान और भी सटीक हो सकेगा। प्राप्त डाटा के विश्लेषण एवं अनुश्रवण के लिए राज्य में बिहार मौसम सेवा केन्द्र सोसाइटी(बीएमएसकेएस) का गठन किया गया है। इस सोसाइटी में विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण एवं पूर्वानुमान किया जाता है। एफएमआइएस को भी डाटा भेजा जाता है जिससे राज्य में बाढ़ के पूर्वानुमान आकलन हो सकेगा। जिला आपदा की स्थिति में पूर्व से अलर्ट जारी कर इसकी जानकारी कॉल सेन्टर के माध्यम से किसानों को दी जा सकेगी। बैठक में डीएम ने सभी पदाधिकारियो एवं कर्मियों को कहा कि प्रस्तावित स्थल पर ही एआरजी का निर्माण स्पैटिका द्वारा किया जा रहा है। यदि प्रस्तावित स्थल से कोई भिन्न जगह पर स्पैटिका द्वारा एआरजी का अधिष्ठापन किया गया है तो इसकी सूचना जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को दिया जाय। साथ ही साथ एआरजी की सुरक्षा हेतु भी सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि अपने स्तर से इसका रखरखाव एवं सुरक्षा हेतु अपने अधीनस्थ कर्मियों को निदेश दिया जाय।