डीएम का फरमान, शेड्यूल के अनुसार शिक्षक बहाली पूरी करे नियोजन इकाईयां अन्यथा कार्रवाई

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक संपन्न हुई।

https://liveindianews18.in/dm-meets-to-conduct-bpsc-66th-combined-preliminary-competition-examination/

बैठक में उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं संभाग प्रभारी शामिलत हुए। बैठक की शुरूआत में जिलाधिकारी ने जिले में चल रहे शिक्षक नियोजन कार्य की प्रगति की समीक्षा की। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि कई पंचायत नियोजन इकाई द्वारा अबतक मेधा सूची का प्रकाशन नहीं किया गया है। निदेशक, प्राथमिक शिक्षा (शिक्षा विभाग) पटना के द्वारा पत्र जारी कर शिक्षक नियोजन हेतु नया शेड्यूल जारी किया गया है जिसके अनुसार छूटे हुए नियोजन इकाईयों द्वारा 26 दिसम्बर तक मेधा सूची का प्रकाशन एनआईसी के पोर्टल पर किया जाना है। 28 दिसम्बर से दिनांक 2 जनवरी 2021 तक ऑनलाईन आपत्ति एनआईसी के पोर्टल पर प्राप्त किया जाना है। आपत्तियों का निराकरण एवं अंतिम रूप से इसका प्रकाशन दिनांक 4 से 10 जनवरी 2021 तक एनआईसी के पोर्टल पर किया जाना है। गोह के 9, देव के 6, दाउदनगर के 15, ओबरा के 11 एवं हसपुरा प्रखंड के 13 पंचायत नियोजन इकाई के द्वारा मेधा सूची का प्रकाशन नहीं किया गया है।

इस मामले में जिलाधिकारी द्वारा संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को दूरभाष पर निर्देश दिया गया कि छूटे हुए पंचायतों से 26 दिसम्बर तक मेधा सूची एनआईसी, औरंगाबाद भिजवायें। साथ ही निर्देश दिया कि विभाग द्वारा जारी किये गये शेड्यूल के अनुसार नियोजन कार्य किया जाय। डीएम ने नियोजन कार्य में लापरवाही किये जाने अथवा शिथिलता बरतने वाले कर्मियों व अधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई करने की भी बात कही। नियोजित शिक्षकों की जांच उच्च न्यायालय, पटना के निर्देशानुसार निगरानी विभाग द्वारा की जा रही है। निगरानी द्वारा किये जा रहे शिक्षक नियोजन के जांच की समीक्षा की गई। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि कई प्रखंडों एवं पंचायत नियोजन इकाई के शिक्षकों का फोल्डर मेधा सूची के साथ उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जिसमें रफीगंज, मदनपुर एवं गोह के ज्यादा शिक्षक हैं। इसके कारण लगभग 2300 शिक्षकों का फोल्डर निगरानी को नहीं सौंपा जा सका है। इसके लिए पूर्व में भी बैठक कर नियोजन इकाई को निर्देश दिया गया है किन्तु वर्तर्मान समय तक लगभग 2300 शिक्षकों का फोल्डर नहीं भेजा गया है। बैठक में उप विकास आयुक्त द्वारा एक प्रतिवेदन की मांग की गई जिसमें पूरा विवरण हो कि कितने शिक्षकों का फोल्डर जांच हेतु भेज दिया गया है एवं किन-किन शिक्षकों का फोल्डर नहीं बन पाया है(कारण सहित) बताये। वही उन्नयन योजना के तहत जिले में चलाये जाने वाले स्मार्ट क्लास की समीक्षा भी जिलाधिकारी द्वारा की गई। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले के सभी उच्च विद्यालयों में स्मार्ट क्लास के माध्यम से पढ़ाई की शुरूआत करायी गयी थी किन्तु कोविड-19 के चलते क्लास स्थगित किया गया। वर्तमान समय में क्लास की शुरूआत की जा रही है। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि वे एक-दो दिनों के अंदर कुछ विद्यालयों में स्मार्ट क्लास का निरीक्षण करेंगे। विद्यालयों की इसकी सूचना दे दी जाय। जिलाधिकारी द्वारा अपने विषय में श्रेष्ठ योग्यता वाले शिक्षकों को चिन्हित करने का निदेश दिया गया एवं यह सुझाव दिया कि यथासंभव ऐसे शिक्षकों के पढ़ाई का वीडियो बनाकर अन्य विद्यालयों में भी कोर्स पूरा कराया जाय। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुरूप सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि सभी अधिकारियों को अग्रिम भ्रमण कार्यक्रम एवं माह के अंत में भ्रमण डायरी समर्पित करने का निर्देश दिया। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा निदेशक, जन शिक्षा-सह-अपर सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार, पटना के पत्रांक 1868 दिनांक 08.12.2020 में प्राप्त निदेश के आलोक में सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पढ़ना लिखना अभियान के प्रारंभिक तैयारियों के बारे में बताया। सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र की प्रति एवं सर्वेक्षण प्रपत्र देते हुए पढ़ना-लिखना अभियान की चर्चा की गई। इसके तहत साक्षरता कार्यक्रम को पूरे समर्पण भाव से करने वाले विद्यालय, महाविद्यालय, एनसीसी, एनएसएस आदि के छात्र-छात्राओं का चयन असाक्षरों को साक्षरता प्रदान करने हेतु किया जाना है। इसके अतिरिक्त मध्याह्न भोजन योजना तथा लेखा एवं योजना के प्रगति की समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश दिये गये। गुणवत्ता शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई एवं प्रखंडों में विभिन्न मदों में भेजे गये राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र शीघ्र जमा करने का निदेश दिया गया।