औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने गुरुवार को शिक्षा विभाग के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के समय जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ स्थापना एवं अन्य कर्मी कार्यालय में उपस्थित थे। सबसे पहले जिलाधिकारी ने सभी कार्यालय कक्षों की स्थिति की जांच की। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि शिक्षा कार्यालय के भवन के लिए प्राक्कलन बन कर विभाग में भेजा गया है। राशि प्राप्त होते ही निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा। राशि शीघ्र प्राप्त होनेवाली है। वर्तमान में विद्यालय के भवन में ही कार्यालय चल रहा है। निरीक्षण में पाया गया कि वर्तमान भवन की स्थिति अत्यंत जर्जर है। साथ ही कुछ कक्ष छोड़कर शेष कक्ष अव्यस्थित है। जिलाधिकारी ने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। कहा कि विभिन्न राशि से जिले में अनेक विद्यालय भवनों में कार्य कराया जा रहा है। एससीए से भी वर्तमान में 29 विद्यालय बनवाए जा रहे है। ऐसे में एक और भवन बनवाया जा सकता था लेकिन जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा इस ओर कोई आवश्यकता नहीं दर्शायी गई और न जी कोई पहल की गई।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जब तक शिक्षा भवन की राशि प्राप्त नही होती है, तबतक जिला स्तर से ही एक भवन के लिए राशि की मांग की जाय और भवन का निर्माण करवा लिया जाय। भविष्य में शिक्षा भवन बनता है, तो इस भवन का प्रयोग विद्यालय के लिए कर लिया जायेगा। निरीक्षण में पाया कि बड़ी संख्या में पुस्तके टोला सेवको को वितरित करने के लिए कार्यालय में रखी है। पूछने पर बताया गया कि ये पुस्तके पिछले वर्ष विलंब से प्राप्त हुई थी, इसलिए वितरित नही हुई है। जिलाधिकारी ने अगले 3 दिन में पुस्तक वितरित करने का निर्देश दिया गया। मध्याह्न भोजन के संबंध के बारे में बताया गया कि 2 ब्लॉक के कुछ विद्यालय को छोड़कर शेष में अनाज पहुंचाया जा रहा है। सभी विद्यालयों में इस माह से अनाज रेगुलर जाने लगेगा। वितरण की व्यवस्था में बदलाव से यह विलंब हुआ है। जिलाधिकारी ने कार्यालय में बाहर से आए व्यक्तियों से एक एक कर बात की और उनके कार्यालय से लंबित कार्य के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके बाद जिलाधिकारी ने ऐसे शिक्षकों को सूची मांगी जिनका वेतन किसी न किसी कारण से स्थगित है। ऐसे शिक्षकों की संख्या 54 बताई गई। पृच्छा करने पर डीपीओ स्थापना द्वारा बताया गया कि वेतन भुगतान की प्रक्रिया जारी है। प्रशिक्षित शिक्षक नही होने के कारण वेतन स्थगित था किंतु विभाग द्वारा निर्देश प्राप्त हो चुका है और अब भुगतान किया जा रहा है। जिलाधिकारी द्वारा इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई और स्पष्ट निर्देश दिया गया कि यदि अगले 5 दिन में सभी शिक्षकों का भुगतान नहीं हुआ तो दोनो पदाधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ करने के लिए विभाग को प्रतिवेदित कर दिया जाएगा। साथ ही कहा गया कि भुगतान प्रमाण पत्र को 5 दिन के बाद जिला समाहरणालय में जमा करवाएं और एक कॉपी विभाग को भी भेजें। इसके अतिरिक्त शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के लिए सप्ताह में एक दिन कैंप लगाने का निर्देश दिया गया और बताया गया कि कैम्प में औचक रूप से जिला के वरीय पदाधिकारी भी शामिल होंगे। साथ ही अगले कुछ दिन बाद पुनः इस कार्यालय का निरीक्षण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सभी शिक्षकों के वेतन भुगतान के तुरंत पश्चात डीपीओ स्थापना को भी विरमित करने का निर्देश दिया गया।