औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिले में उर्वरक को लेकर प्राप्त हो रही समस्याओं के आलोक में शनिवार को जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में आहूत की गई।
बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अभी तक बारिश की कमी के कारण रोपनी बहुत कम हुई है किंतु उर्वरक की आपूर्ति इस बार अच्छी है। गत वर्ष यूरिया की आवश्यकता लगभग 38000 मीेट्रिक टन थी किंतु गत वर्ष आपूर्ति मात्र 12000 मीट्रिक टन ही हुई थी। इस वर्ष वह समस्या नही है। कृषि विभाग द्वारा भी बताया गया कि इस वर्ष आवश्यकता से अधिक आपूर्ति हो रही है अर्थात 38000 मीेट्रिक टन से अधिक उर्वरक की आपूर्ति इस बार होगी। साथ ही पहले उर्वरक के लिए रैक रोहतास में लगता था किंतु इस बार औरंगाबाद में ही रैक लग रहा है जिससे सुविधा हुई है। अभी 10000 मीट्रक टन से अधिक यूरिया तो इस माह तक ही प्राप्त हो चुका है तथा 3000 मीट्रिक टन यूरिया रबी की फसल से बचा हुआ है। इस प्रकार 13000 मेट्रिक टन यूरिया तो पहले ही है जो गत वर्ष की कुल आपूर्ति से भी अधिक है। यह आपूर्ति लगतार जारी रहेगी और इस बार यूरिया की कमी की कोई शिकायत प्राप्त नही होगी। मात्रा की दृष्टि से अभी तक इस जिला में यूरिया उर्वरक का 43845 एमटी के विरूद्ध 10727.915 एमटी यूरिया, डीएपी 13320 एमटी के विरुद्ध 5301 एमटी, एनपीके 10300 एमटी के विरूद्ध 450 एमटी, एसएसपी 12915 एमटी के विरूद्ध 4140.75 एमटी एवं एमओपी 10250 एमटी के विरूद्ध 466 एमटी विभिन्न कम्पनियों के द्वारा प्राप्त हो चुका है। यह आपूर्ति पूरे सीजन में जारी रहेगी। जिले में कार्यरत विभिन्न पॉश मशीन में दिनांक 22 जुलाई तक यूरिया 3125.178 एमटी, डीएपी 432.925, एनपीके 2268.975, एसएसपी 5242.450 एवं पोटास 364.30 एमटी अवशेष है। 23 जुलाई को भी जिले में ईफको कम्पनी द्वारा डीएपी एवं एपीएस की रैक को अनुग्रह नारायण रैक बिन्दु से जिले के विभिन्न प्रतिष्ठानो मे वितरण किया जा रहा है।
कुछ दुकानों में लगने वाली लंबी लाइन के बारे में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि कुछ लोगो को आशंका है कि पिछले साल की तरह उर्वरक कम न हो जाए। इसलिए वे उर्वरक खरीद कर रखना चाह रहे है जिसके लिए लाइन में लग रहे है। जबकि इस बार पूरे सीजन में उर्वरक मिलता रहेगा। इसके अतिरिक्त कुछ व्यक्ति उर्वरक को खरीद कर कमी होने पर बेचने के लिए भी भंडारित करने का प्रयास कर रहे है जबकि इस बार सभी दुकानों पर ही पर्याप्त उर्वरक मिलता रहेगा। ऐसे लोगो को जानकारी मिलते ही इन पर छापेमारी भी की जा रही है। अधिक दर की शिकायतों के संबंध में जिलाधिकारी द्वारा टॉप 20 के यूरिया उर्वरक क्रेताओं की जांच कृषि विभाग के पदाधिकारियों से कराने का निदेश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया। साथ ही नियमित रूप से उर्वरक प्रतिष्ठानों को छापामारी दल के द्वारा जांच करने का भी निर्देश दिया गया। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा जीरो टॉलरेंस निति के तहत उर्वरक प्रतिष्ठानो पर उचित मूल्य पर बिक्री करने हेतु किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयकों को टैगिंक कर अंडरटेंकिंग भी लिया गया है। बैठक में ओबरा के विधायक ऋषि कुमार ने मे. सुकृत ट्रेडर्स, जिनोरिया द्वारा यूरिया के साथ डीएपी एवं दवा लेने हेतु कृषको को दवाब देने की बात बताई। इस पर जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि इसकी जांच कराई जायेगी। अगर इसकी सत्यता पायी जाती है तो संबंधित प्रतिष्ठान के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। गोह के विधायक भीम कुमार सिंह के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि गोह में सभी पैक्स को अनुज्ञप्ति निर्गत किया जाय, जिससे किसानो को पंचायतों में ही सुविधा पूर्वक उर्वरक उपलब्ध कराई जा सके। इस पर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि गोह में एक भी पैक्स के द्वारा अनुज्ञप्ति नहीं ली गई है, जिसके कारण जिला से उर्वरक का उपावंटन नहीं किया जाता है। जिलाधिकारी द्वारा जिला सहकारिता पदाधिकारी को पैक्सों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को उर्वरक को उपलब्धता का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने का भी निर्देश दिया ताकि लोग अनावश्यक परेशान होकर उर्वरक के लिए आपधापी में न पड़े। इस बार उर्वरक उपलब्ध है किंतु बारिश में विलंब हो रहा है। अतः मुख्य ध्यान आकस्मिक फसल योजना पर देना है। संभावित सुखाड़ की स्थिति के लिए आवश्यक है कि कृषि विज्ञान केंद्र के साथ मिलकर आकस्मिक फसल योजना की गहन समीक्षा कर ली जाय और कार्ययोजना बना ली जाय। साथ ही सभी पदाधिकारियों को उर्वरक की दुकानों का भी नियमित निरीक्षण करने का निदेेश दिया गया। साथ ही कहा गया कि वरीय पदाधिकारी भी वास्तविक स्थिति की समीक्षा के लिए स्वयं उर्वरक दुकानों का भ्रमण करेंगे और किसानों से बातचीत करेंगे। साथ ही उन्हें उर्वरक उपलब्धता एवं आकस्मिक फसल योजना के बारे में जागरूक करेंगे।