औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने मंगलवार को समाहरणालय सभागार में कृषि टास्क फोर्स की बैठक कर जिले में चल रहे विभागीय कार्यों की समीक्षा की।
जिलाधिकारी ने सबसे पहले जिले में अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति के बारे में विभागवार निर्देश दिए। जिला कृषि पदाधिकारी ने डीएम को बताया कि औरंगाबाद जिले में अगस्त माह में भी सामान्य से 30 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। इसके कारण बारूण, ओबरा, दाउदनगर, हसपुरा एवं औरंगाबाद के कुछ पंचायत जो सोन नहर से सिचिंत है, को छोड़कर रोपनी में कमी आई है। गोह, रफीगंज, मदनपुर, देव, कुटुम्बा एवं नबीनगर में धान रोपनी अधिक प्रभावित हुई है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि सभी प्रखंडों में रोपनी की स्थिति एवं वर्षा से संबंधित प्रतिवेदन सभी पंचायत स्तरीय कर्मियों को स्थल पर जाकर आकलन करने का निर्देश दिया गया है, ताकि विभाग को प्रतिवेदित किया जा सके। जिला कृषि पदाधिकारी ने यह भी बताया कि सभी कृषि समन्वयकों और किसान सलाहकारों को आकस्मिक फसल के बारे में किसानों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है तथा संभावित आकस्मिक फसल योजना के तहत फसलो के बीज यथा मक्का 2435 क्विंटल, अरहर 3450 क्विंटल, तोरिया 625 क्विंटल, आगात सरसों 240 क्विंटल, आगात मटर 230 क्विंटल, भिंडी 06 क्विंटल एवं मुली 01 क्विंटल की मांग विभाग से की गई है। बीज प्राप्त होते ही इसका वितरण प्रारंभ कराया जायेगा ताकि जहां रोपनी नही हुई है, वहां वैकल्पिक फसल लगाई जा सके।कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया कि वैकल्पिक फसलें कम वर्षा के लिए उपयुक्त होती है। ऐसे में इन्हे उन्ही स्थलों पर लगाया जाय जहां जलभराव नही होता है। वैकल्पिक फसल लगाने के बाद यदि तेज बारिश हो गई तो उन फसलों को भी नुकसान पहुंच सकता है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि वैसे सभी किसान जो उपरोक्त फसलों के लिए इच्छुक है, की सूची पंचायतवार तैयार कर ले। साथ ही उस भूमि को भी चिन्हित किया जाय जो वैकल्पिक फसल के लिए उपयुक्त हो। देव, मदनपुर, कुटुंबा में पहाड़ी के निकटवर्ती क्षेत्र इसके लिए अधिक उपयुक्त होंगे। जिलाधिकारी ने सभी कृषि विभाग के पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि इस मौसम में किसी भी प्रखंड में उर्वरकों की समस्या नहीं होनी चाहिए तथा किसानों केा उचित मूल्य पर उपलब्ध हो, इसे सभी पदािधकारी सुनिश्चित करायेंगे। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि जिले में किसी प्रकार की कालाबाजारी, जमाखोरी, तस्करी, मुनाफाखोरी नहीं होनी चाहिए और जहां से शिकायत प्राप्त हो वहां तुरंत प्राथमिकी दर्ज कराई जाय। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि कुछ दिन पहले ही नबीनगर में उर्वरक की अनियमितता के आरोप में विक्रेता पर प्राथमिकी दर्ज की गई है और आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।
जिलाधिकारी ने इसके लिए नियमित रूप से उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कराने का निर्देश दिया। साथ ही साथ टॉप 20 खाद क्रेताओ की जांच के बारे पृच्छा की। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि लगभग 300 खरीददारों की सूची में से 145 खरीददारों की जांच की गई है। शेष की भी जांच कर ली जाएगी ताकि किसानों के नाम पर खाद खरीदकर खाद की कालाबाजारी को रोका जा सके। जिलाधिकारी के किसानो के पटवन हेतु डीजल अनुदान के बारे में पृच्छा के क्रम में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के तहत खरीफ मौसम के फसलों में अल्पवृष्टि के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए डीजल चालित पम्पसेट से पटवन करने के लिए सरकार द्वारा किसानों को डीजल अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। खरीफ फसलों की डीजल पम्पसेट से सिंचाई के लिए क्रय किये गये डीजल पर 60 रूपये प्रति लीटर की दर से 600 रूपये प्रति एकड़, प्रति सिंचाई डीजल अनुदान दिया जायेगा। धान का बिचड़ा अधिकतम 2 सिंचाई के लिए 1200 रूपये प्रति एकड़ देय होगा। खड़ी फसल में धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों के अन्तर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे की अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 1800 रूपये प्रति एकड़ देय होगा। प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ सिंचाई के लिए देय होगा। अभी तक इस जिले में किसानों के द्वारा 862 आवेदन ऑनलाईन किया गया, जिसे कृषि समन्वयकों के द्वारा जांच किया गया जिसमें 25 आवेदन सही पाया गया एवं 440 आवेदन बिजली से संबंधित होने के कारण रद्द किया गया। पशुपालन पदाधिकारी, गव्य विकास पदाधिकारी, मत्स्य पदाधिकारी, सहायक निदेशक उद्यान विभाग आदि सभी पदाधिकारीयों को निर्देश दिया गया कि अल्पवृष्टि की स्थिति के दौरान सभी क्षेत्र में रहे और किसानों को इससे निपटने के लिए हरसंभव मदद करें। सप्ताह में एक दिन जिले के सभी वरीय पदाधिकारी सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जाकर वहां के किसानों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास करते है। कृषि विभाग के सभी पदाधिकारी भी क्षेत्र में साथ रहे और किसानों को अपनी योजनाओं की जानकारी दें। साथ ही किसानों की यथासंभव सहायता करने का प्रयास करें। समीक्षा बैठक में वरीय वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरिस, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, सहायक निदेशक रसायन, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण औरंगाबाद, सहायक निदेशक, रसायन, सहायक निदेषक, प्रक्षेत्र, सहायक निदेशक, भूमि संरक्षण, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, औरंगाबाद एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।