जागरूकता कार्यशाला में बोले डीएलएसए के सचिव, सेक्स वर्कर्स को भी गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सभागार में सेक्स वर्कर की समस्याओं और उनके समाधान पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्देश पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश एवं मार्गदर्शन में जिले के सेक्स वर्कर्स को उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता एवं संवेदीकरण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्राधिकार के सचिव के साथ-साथ लक्षित परियोजना के निदेशक रविन्द्रनाथ ठाकुर, जिला संचारी रोग विशेषज्ञ डाॅ. रवि रंजन, पैनल अधिवक्ता अभिनन्दन कुमार, स्नेहलता एवं पुलिस निरीक्षक दिनेश कुमार महतो ने उनके प्रत्येक समस्याओं को ध्यान से सुना तथा उसके समाधान करने में सहयोग करने का आश्वासन दिया। सचिव ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बुद्धदेव करमासकर बनाम पश्चिम बंगाल राज्य में दिये गये निर्णय के आलोक में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर सेक्स वर्कर को राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, सूखा राशन प्रदान कराना, मानव गरीमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार दिलाना एवं पुर्नवास जैसे विषयों पर विस्तारपूर्वक उन्हें जागरूक किया। कहा कि इन्हे मूल अधिकार उपलब्ध कराने के संबंध में संबंधित स्टेक होल्डर्स को जागरूक करने की आवश्यकता है। सेक्स वर्कर्स भी मनुष्य है और वह पूरी तरह से मानव जीवन जीने की अधिकारी हैं। हमारे समाज का उनके प्रति भी कुछ कर्तव्य है।

सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय द्वारा यह स्पष्ट कहा है कि उन्हें मानव जीवन जीने का पूरा अधिकार दिलाया जाए। सचिव ने सभी सेक्स वर्कर्स को आश्वस्त किया कि आपकी मूल जरूरत के लिए सभी संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर समस्याओं का निराकरण कराया जायेगा। संचारी रोग विशेषज्ञ डाॅ. रविरंजन ने स्वास्थ्य समस्याओं और आयुष्मान कार्ड के फायदे के विषय में उन्हें बताया। लक्षित परियोजना के निदेशक रविन्द्रनाथ ठाकुर ने उनको पुर्नवास और स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका के विषय में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता स्नेहलता ने विधिक अधिकार और विधिक समस्या के निदान पर उन्हें जागरूक किया। कार्यक्रम का संचालन रिटेनर अधिवक्ता अभिनन्दन कुमार ने किया। उनके द्वारा संचालन के क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार से उन्हें प्राप्त होने वाली सुविधाओं, विधिक सहायता कैसे प्राप्त होगी के बारे मेें बताया। कार्यक्रम में उनसे यह जानने का प्रयास किया गया कि उनकी क्या समस्या है ताकि उनके समस्याओं पर त्वरित निर्णय लेकर उन्हें सुविधा प्रदान की जा सके।