बिहार के सभी थानों में हो सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए डीके बसु गाईडलाइंस का डिस्प्ले : पांडा

पटना(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। सेंटर फॉर द सस्टेनेबल यूज ऑफ नैचुरल एंड सोशल रिसोर्सेज(सीएसएनआर) के डायरेक्टर व सामाजिक कार्यकर्ता धीरेंद्र पांडा ने बिहार के सभी थानों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए डीके बसु गाईडलाइंस को डिस्प्ले किए जाने की मांग की है।

श्री पांडा ने गुरूवार को यहां पटना ला कॉलेज के शताब्दी भवन कांफ्रेंस हॉल में आयोजित “इंपोर्टेंस ऑफ इंप्लीमेंटेशन ऑफ सुप्रीम कोर्ट अरेस्ट गाईडलाइंस” विषयक सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने डीके बसु गाईडलाइंस में साफ तौर से कहा है कि देश के सभी थानों में स्थानीय भाषा में इसे प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित किया जाना है, ताकि किसी भी मामले में गिरफ्तार होने वाले व्यक्तियों को उनके अधिकारों की उन्हे जानकारी हो सके।

कहा कि ओडिसा में सीएसएनआर ने अपनी पहल से थानों में ऐसे बोर्ड लगवाए है। बिहार सरकार को भी लोगों के कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए ऐसा किया जाना जरूरी है।

उम्मीद है कि सरकार इस ओर पहल करेगी। साथ ही उनकी संस्था भी इस दिशा में पहल करेगी। कहा कि पुलिस का काम सेवा करना है। ऐसा करने से ही पुलिस पब्लिक फ्रेंडली बनेगी और तभी सही मायने में कम्यूनिटी पुलिसिंग की अवधारणा साकार हो सकेगी।

कार्यक्रम में पटना हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता प्रभाकर कुमार ने कहा कि यूनाईटेड नेशन गाईडलाइंस का पालन किए बगैर किसी की भी गिरफ्तारी गलत है। किसी भी व्यक्ति की गलत गिरफ्तारी उसके सम्मानपूर्वक जीवन जीने पर धब्बा लगाती है। इस कारण पुलिस को चाहिए कि सभी निर्धारित मानदंडों का पालन करते हुए ही किसी की गिरफ्तारी करे।

वही पटना लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मो. सलीम ने कहा कि संविधान ने हमें जीवन का अधिकार दिया है लेकिन संविधान के पहले से हमें यह अधिकार प्राप्त है। हमें जीना है लेकिन जानवर की तरह नही बल्कि सुसभ्य बनकर जीना है। यह पुलिसिंग पर भी लागू होती है।

सेमिनार की अध्यक्षता व संचालन सीएसएनआर के स्टेट कोर्डिनेटर उमाशंकर सिंह ने किया। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से आए सिविल सोसाइटी के दो दर्जन से अधिक प्रतिनिधियों ने भी विचार रखें।