मोटर दुर्घटना के चार वादों में डीजे ने पीड़ित परिवारों को प्रदान किया मुआवजा राशि का चेक

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष मनोज कुमार तिवारीे ने मोटर दुर्घटना वाद संख्या 18/10 मामले में मृतक रामप्रवेश प्रसाद की पत्नी हसपुरा थाना के खुटहन निवासी मीरा देवी को 17 लाख की मुआवजा राशि का चेक प्रदान किया।

गौरतलब है कि रामप्रवेश प्रसाद की सड़क हादसे में मृत्यु रतनुआ पेट्रोल पम्प के पास जीटी रोड पर बंगाल नम्बर के ट्रक संख्या डब्ल्यूबी-23बी 2335 से धक्का लगने के बाद औरंगाबाद सदर अस्पताल में ईलाज के दौरान हो गयी थी। हाल में संपन्न राष्ट्रीय लोक अदालत में  इस वाद का समझौते के आधार पर बीमा कम्पनी से निस्तारण कराया गया था। वही एक दूसरे मामले वाद संख्या-37/19 में मुआवजा राशि का चेक  मृतक अलखदेव सिंह के पुत्र औरंगाबाद मुफ्फसिल थाना के ओरा निवासी दीपक कुमार को चार लाख पच्चास हजार का चेक प्रदान किया गया। यह घटना 6 जुलाई 2019 की है। मृतक अपने घर से औरंगाबाद जा रहा था। वह एनएच-2 जीटी रोड को ओरा पश्चिम पुल के पास जहां का रास्ता वन-वे था को पार कर रहा था। इसी दौरान मध्य प्रदेश नम्बर के ट्रक संख्या एमपी-09 एचजी 9798 के धक्के से उसकी मौके पर ही मौत हो गयी थी। तीसरे मामले मोटर दुर्घटना वाद संख्या-25/19 में मृतक मुन्ना कुमार की मां मदनपुर के सहेलीबांध निवासी ललिता देवी को छः लाख की मुआवजा राशि का चेक प्रदान किया गया। मुन्ना कुमार की मृत्यु नौगढ़ में हाईवा गाड़ी संख्या पीबी-11 सीएम 3368 से धक्का लगने से हो गयी थी। चौथे मामले मोटर दुर्घटना वाद संख्या 26/19 में मृतक मुकेश  भुईयां की पत्नी गया जिले के आमस थाना के राजाबिगहा टोले बलियारी निवासी रिंकु कुमारी को तीन लाख पच्चास हजार रूपये की मुआवजा राशि का चेक प्रदान किया गया। मुकेश भुईयां की मृत्यु नौगढ़ में हाईवा गाड़ी संख्या पीबी-11 सीएम 3368 से धक्का लगने से हो गयी थी। सभी को चेक प्रदान करते हुए जिला जज ने कहा कि मुआवजा राशि को परिवार के कल्याण में लगाए तथा भविष्य के लिए अधिक से अधिक राशि को बैक में जमा कराए ताकि बच्चों के लालन-पालन और शिक्षा पर खर्च करने में  तथा भविष्य में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

गौरतलब है कि पिछले 11 सितम्बर को यहां आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में अब तक का रिकॉर्ड मोटर दुर्घटना वादों का निपटारा बीमा कम्पनियों से सुलह के आधार पर कराया गया था। इसके बाद ही संबंधित पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि का चेक प्रदान किया जा रहा है। प्राधिकार के सचिव सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रणव शंकर ने बताया कि आगामी 11 दिसम्बर को राष्ट्रीय लोक अदालत का पुनः आयोजन होना है। संबंधित पक्षों से अपील है कि वे ज्यादा से ज्यादा अपने वादों का निस्तारण कराए और त्वरित लाभ प्राप्त करें। अपने वाद को राष्ट्रीय लोक अदालत में निष्पादन हेतु किसी भी कार्य दिवस को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है। राष्ट्रीय लोक अदालत वादों का निस्तारण सुलह के आधार पर कराने का एक सशक्त माध्यम है जिसमें त्वरित न्याय प्राप्त होता है। इन चारों वादों में मुआवजा राशि का चेक एक दिन में प्रदान किया जाना, इसका ज्वलंत उदाहरण है।