औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। कोरोना काल में औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध सौर तीर्थस्थल देव में चार दिवसीय कार्तिक छठ मेला के आयोजन पर शासन-प्रशासन ने प्रतिबंध लगा रखा है। कोविड प्रोटोकाॅल का अनुपालन सुनिश्चित करने को लेकर ऐतिहासिक और प्राचीन सूर्य मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक के साथ ही कुष्ठ निवारक सूर्यकुंड में भी अघ्र्य देने पर रोक है। प्रचार-प्रसार के माध्यम से बाहर से श्रद्धालुओं के आने की मनाही की गई है। इसके बावजूद जिले के अलग-अलग हिस्सों और राज्य के अन्य जिलों से छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं का देव आना जारी है।
http://श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केन्द्र देव का विश्व प्रसिद्ध त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर
यहां पहुंच रहे छठ व्रती देव के अलग-अलग हिस्सों में बने मंदिर और सार्वजनिक स्थनों पर शरण ले रहे है। वहीं त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर के मुख्य द्वार पर न्यास समिति की ओर से श्रद्धालुओ के प्रवेश को रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर दी गई है। साथ ही सूर्यकुंड को चारों ओर के सभी द्वार को बंद कर दिया गया है।
स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों में देव के अंचलाधिकारी आशुतोष कुमार, देव थानाध्यक्ष वंेकटेश्वर ओझा, एसआई जेके भारती सदल बल सड़को पर घूम घूमकर माइकिंग के जरिए भीड़ न लगाने, मास्क-सैनिटाइजर का प्रयोग करने और सोशल-फिजिकल डिस्टेंस का ख्याल रखने की अपील कर रहे है। इसके बावजूद सौर तीर्थस्थल में धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है।
देव के रानी पोखर स्थित मंदिर में श्रद्धालुओं ने ठंढ में भी टिकान ले रखा है। भोजपुर के पीरो और हसपुरा से पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि देव में कार्तिक छठ करने का संकल्प लिया था। संकल्प को पूरा करने सपरिवार यहां आ गये। यहां आने पर पता चला कि सूर्य मंदिर और तालाब को बंद कर दिया गया है। ऐसे में छठ का अघ्र्य देने पर संकट आन पड़ा है लेकिन जब धाम पर आ गए है तो धाम पर ही कहीं भी अघ्र्य देकर जायेंगे।