औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। राष्ट्रीय संधारणीय कृषि मिशन की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को मिट्टी के नमूनों की जांच कराने के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से औरंगाबाद के कृषि विभाग ने चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था के तहत चलंत मिट्टी जांच लैब वैन को जिला संयुक्त कृषि भवन से जिला कृषि पदाधिकारी अश्विनी कुमार, उप निदेशक(कृषि अभियंत्रण) भूमि संरक्षण सुधीर कुमार राय, सहायक निदेशक(रसायन) कुणाल सिंह, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण मो. जावेद आलम, एवं ई. आलोक व कृषि विभाग के अन्य पदाधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला वैन जिले में चयनित पांच गांवों में धूम-धूम कर किसानों को मिट्टी जांच के प्रति जागरूक करेगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड की उपयोगिता एवं इसके महत्व तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड में अंकित प्रति हेक्टेयर फसल हेतु आवश्यक पोषक तत्वों नाईट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, सल्फर और सूक्ष्म पोषक तत्व(माइक्रोन्यूट्रेंट) आदि की मात्रा के समतुल्य वांछित उर्वरकों को निकालने की विधि के साथ-साथ इसकी उपयोग की जानकारी किसानों को कृषि विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मचरियों के द्वारा दिया जायेगा। कहा कि हमारे भोजन का 95 प्रतिशत भाग हमारी मिट्टी से उत्पादित होता है। खेतों की मिट्टी में जरूरी पोषक तत्वों यथा नाईट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और सूक्ष्म पोषक तत्वों(माइक्रोन्यूट्रेंट) की उपलब्धता दिन-प्रतिदिन मिट्टी में काफी कम होती जा रही है। इससे मिट्टी की उत्पादन क्षमता में लगातार कमी हो रही है।
इसी को देखते हुए केन्द्र सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की है। इसके तहत् हर किसान के खेतों से मिट्टी का नमूना संग्रहण कर मिट्टी जांच प्रयोगशाला एवं चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला में विश्लेषण के पश्चात् किसानों को पोषक तत्वों की अनुशंसित मात्रा में प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है। किसान अधिक फसल उत्पादन के लिए बुआई से पहले मिट्टी जांच अवश्य करा लें। रब्बी फसल की अच्छी पैदावार के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। यह वैन जिले के चयनित गांवों में बोआई के पूर्व मिट्टी जांच कराने के लिए किसानों को जागरूक करेगा। कृषि विभाग के पदाधिकारी लगातार किसानों को उन्नत तरीके से खेती करने के प्रति जागरूक कर रहें है।