छः माह से काम नही करने वाली आशाकर्मियों को चिन्हित कर कार्रवाई करे सीएस : डीएम

स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में डीएम का फरमान

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने समाहरणालय सभागार में एक बैठक कर स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों की समीक्षा की। डीएम ने हाल में आरंभ हुए कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के प्रगति की समीक्षा एवं अद्यतन स्थिति का जायजा लिया। उन्होने कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए इस बात पर जोर दिया गया कि सूचीबद्ध चिकित्सक टीका लेकर प्रेरणास्रोत बने ताकि वैक्सिन के प्रति जनमानस में कोई भ्रम पैदा न हो।

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बैठक में केयर की टीम लीडर उर्वशी प्रजापति ने परिवार नियोजन कार्यक्रम से संबंधित नेशनल हेल्थ एवं फैमिली सर्वे-5 के आंकड़े प्रस्तुत किए। उर्वशी ने बताया कि बिहार का प्रजनन दर एवं अनमेट नीड पिछले सर्वे की तुलना में कम हुआ है तथा मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव की स्वीकार्यता बढ़ी है। इस दौरान डीएम ने निर्देश दिया कि परिवार नियोजन पखवाऱा का आयोजन 14 से 31 जनवरी के बीच किया जा रहा है। इसमें अधिक से अधिक परिवार नियोजन ऑपरेशन कराए जाएं तथा विभिन्न परिवार नियोजन के साधनों कोे इच्छुक लाभार्थियों के बीच वितरित कराते हुए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया जाए। बैठक में यूनिसेफ के एसएमसी मो. कामरान खान ने कोविड-19 टीकाकरण के साथ ही 31 जनवरी से शुरु होने वाले पल्स पोलियो कार्यक्रम से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया। उन्हे जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि आवश्यक तैयारी करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाए। बैठक में जिला स्वास्थ समिति के कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. कुमार मनोज ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न कार्यक्रमों की अद्यतन स्थिति से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के विभिन्न बिंदुओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने, सदर अस्पताल में सी-सेक्शन ऑपरेशन की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होने सदर अस्पताल में सी-सेक्शन ऑपरेशन कम रहने की पर चिंता व्यक्त करते हुए सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को निर्देश दिया कि चिकित्सकों के साथ रणनीति बनाते हुए सी-सेक्शन ऑपरेशन कराना सुनिश्चित करें। उन्होने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने अवगत कराया कि संस्थान के भवन निर्माण का काम काफी धीमी गति से हो रहा है, जिसके कारण स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर असर पड़ रहा है। इसका जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द कार्य कराने का आश्वासन दिया।

समीक्षा के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आशा की भूमिका अपेक्षा के अनुरूप नहीं पाई गई। सिविल सर्जन ने डीएम को बताया कि कई आशा कर्मियों ने पिछले 6 माह से कोई कार्य नहीं किया है। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि वैसे सभी आशा कर्मियों को चिन्हित किया जाए जिन्होंने पिछले 6 माह में कोई कार्य नहीं किया है तथा वैसे आशा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध कार्रवाई करे। जिलाधिकारी ने एंबुलेंस की कमी का संज्ञान लेते हुए सुधार हेतु प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया तथा सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि गुणवत्तापूर्ण तरीके से अपने संस्थानों में बैठक आयोजित करें तथा बैठक की कार्यवाही व्हाट्सएप के माध्यम से शेयर करें। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रस्तुतीकरण से स्पष्ट है कि जो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मुख्यालय में रहते हैं, उनके सभी सूचकांक अच्छे हैं। जो मुख्यालय में नहीं रहते हैं, उनके सूचकांक में कमी है। इस संबंध में निर्देशित है कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मुख्यालय में रहकर सभी सूचकांकों पर ध्यान देना सुनिश्चित करेंगे। बैठक में उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार, सिविल सर्जन डॉ. अकरम अली, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी-सह- प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुमार महेंद्र प्रताप, जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ. विनय कुमार, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विकास कुमार, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट उपेंद्र कुमार चैबे, जिला स्वास्थ्य समिति के जिला योजना समन्वयक नागेंद्र कुमार केसरी, मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी दीपिका रानी, केयर के जिला पोषण पदाधिकारी रितेश कुमार एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।