सीआरपीएफ की 82 वीं वर्षगांठ आज, गुजरात का कच्छ हो या लद्दाख का हॉट स्प्रिंग CRPF जवानों की वीरता की अद्भुत मिसाल

नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) 19 मार्च यानी आज अपना 82वां स्थापना दिवस मना रहा है। गुरुग्राम के कादीपुर अकादमी परेड ग्राउंड अकादमी मुख्य अतिथि के तौर पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी मौजूद रहे। इस अवसर पर, मुख्य अतिथि ने परेड की सलामी ली और कहा कि इस बल की समृद्ध विरासत एवं 82 वर्षों की अतुलनीय शौर्य की गाथा है। वर्षगांठ समारोह में परेड के अलावा सीआरपीएफ स्पोर्ट्स टीम, मल्लखंब टीम, और सीआरपीएफ के प्रसिद्ध महिला डेयरडेविल्स द्वारा मोटरबाइक स्टंट का भी प्रदर्शन किया गया।

247 बटालियन हैं और करीब तीन लाख 25 हजार की संख्या बल

उद्घाटन समारोह में सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने बताया कि इस बल का गठन स्वतंत्रता से पूर्व 1939 में क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव पुलिस यानी सीआरपी के रूप में हुआ था। असल में यह 1949 में सीआरपीएफ के रूप में परिवर्तित हुआ। आज इस बल में 247 बटालियन हैं और करीब तीन लाख 25 हजार की संख्या बल के साथ सीआरपीएफ विश्व का विशालतम एवं आंतरिक सुरक्षा हेतु अग्रणी सशस्त्र पुलिस बल है।

जहां होती है समस्या वहां आती है सीआरपीएफ

देश में जहां कहीं भी कानून और व्यवस्था की समस्या होती है, चुनाव या अन्य किसी भी प्रकार की ड्यूटी में जब भी सुरक्षाबलों की आवश्यकता होती है, तो राज्य सबसे पहले सीआरपीएफ की ही मांग करते हैं। केन्द्र सरकार ने भी चुनाव के लिए सीआरपीएफ को ही नोडल एजेंसी नियुक्त किया है । जम्मू-कश्मीर में सैकड़ों आतंकवादियों को मार गिराने और फिदायीन हमलों को नाकाम करने में इस बल ने बड़ी कामयाबी हासिल की है।

वीरता की अद्भुत मिसाल

सीआरपीएफ ने ड्यूटी के प्रति अपने समर्पण, सच्ची निष्ठा से भारत सरकार, राज्य सरकारों तथा देश की जनता का विश्वास व प्यार जीता है। गुजरात का रण ऑफ कच्छ हो या फिर लद्दाख का हॉट स्प्रिंग, सीआरपीएफ के जवानों की वीरता की अद्भुत मिसाल है। सीआरपीएफ एक ऐसा बल है जिसके पास अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करने के लिए अपनी स्पेशलाइज्ड विंग हैं। सांप्रदायिक व जातीय हिंसा रोकने, बाढ़ एवं आगजनी के दौरान राहत कार्य से निपटने में ‘आरएएफ’ सक्षम है तो वहीं नक्सलवाद व माओवाद से निपटने के लिए ‘कोबरा’ बटालियन और संसद की सुरक्षा में ‘पीडीजी’ बटालियन तथा वीआईपी की सुरक्षा में ‘एसडीजी’ है।

महिला बटालियनों ने भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई

सीआरपीएफ प्रवक्ता दलीप अम्बेश के अनुसार, महिला बटालियनों ने भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों को बखूबी निभाया है। वर्तमान में बल में छह महिला बटालियनों की वीरांगनाएं देश के विभिन्न भागों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। सीआरपीएफ की परिचालनिक क्षमता को बढ़ाने के लिए ‘हम जवानों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।’ बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए गत वर्ष के दौरान कुल 6 हजार, 184 कार्मिकों के लिए विभिन्न प्रकार के कोर्स चलाए गए। इसी तरह पदोन्नति के लिए विभिन्न आरटीसी एवं सीटीसी में 11 हजार,708 अधिकारियों और कार्मिकों के लिए पदोन्नति कोर्स चलाये गये। गत वर्ष के दौरान चयनित कुल 514 कार्मिकों ने बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त किया।

बता दें कि 19 मार्च को सरदार पटेल ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को ध्वज (कलर) प्रदान किया था इसलिए इस तिथि को स्थापना दिवस के लिए ज्यादा अनुकूल मानकर गृह विभाग ने स्वीकृति दे दी है। इससे पहले ब्रिटिश काल में 27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में नीमच में स्थापना हुई थी। इसलिए 27 जुलाई को सीआरपीएफ का स्थापना दिवस मनाया जाता था। लेकिन 2018 से इसे 19 मार्च को मनाया जाता है।

(इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार)

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