कहा-एक मृतका के मोबाइल छीने जाने पर स्थिति स्पष्ट करे पुलिस, संगीन व गंभीर घटना का अब तक उद्भेदन नहीं होना सरकार व प्रशासन की विफलता
पीड़ित परिवारों को मिले सुरक्षा व मुआवजा, मामलें की हो उच्चस्तरीय जांच
औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यू 18 ब्यूरो)। भाकपा माले के विधायक दल एवं ऐपवा की राज्य स्तरीय जांच टीम ने शुक्रवार को रफीगंज प्रखंड के चिरैला गांव पहुंचकर छः दलित बालिकाओं द्वारा सामूहिक रुप से जहर खाने की घटना की जांच की।
जांच टीम में अरवल के विधायक महानंद सिंह, अगिआंव(भोजपुर) के विधायक मनोज मंजिल, ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी, ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे, भाकपा माले के जिला सचिव मुनारिक राम, आरवाइए नेता गुड्ड़ू चंद्रवंशी, कमलदेव पासवान, सुनील यादव, शंकरदयाल यादव एवं बटुर मेहता शामिल रहे। टीम के सभी सदस्य चिरैला पहुंचने के क्रम में कासमा थाना पहुंचे व थानाध्यक्ष से प्राथमिकी की प्रति ली। साथ ही अबतक की प्रशासनिक पहल की जानकारी प्राप्त की। इसके बाद टीम ने गांव पहुंचकर पीड़ित बालि़काओं एवं उनके परिवार के सदस्यों से मिलकर घटना के बारे में पूछताछ की।
टीम ने जहर खाने की बात मन में कैसे आई, के बारे में जीवित बची दो बालि़काओं से बातें की। बालि़काओं ने जांच टीम को बहुत ही बारीकीपूर्वक सारी बातें बताई। टीम के सदस्यों ने कहा कि बालि़काओं से की गई बातों से स्पष्ट होता है कि वें अभी भी दहशत में है और कुछ बातों को छुपा रही है। कहा कि टीम का मानना है कि एक मृतका का मोबाइल गुम नहीं हुआ था बल्कि गांव के ही किसी लड़के द्वारा छीना गया था, जो थाना में जमा है लेकिन थानेदार ने जांच टीम को मोबाईल के थाना में जमा होने की बात नहीं बताई। मोबाईल क्यो छीना गया यह स्पष्ट नहीं है। जांच टीम ने थानाध्यक्ष को इस घटना को गंभीरतापूर्वक लेते हुए अतिशीघ्र स्थिति स्पष्ट करने को कहा।
टीम ने औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक से भी संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बताया गया कि एसपी साहब छुट्टी में हैं। कहा कि इतनी संगीन एवं गंभीर घटना का अभी तक उद्भेदन नहीं हो पाना सरकार एवं प्रशासन की विफलता है। जांच टीम ने पीड़ित परिवारों को सुरक्षा, उचित मुआवजा और मामलें की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। टीम के चिरैला दौरे की जानकारी भाकपा माले के जिला सचिव मुनारिक राम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।