भाकपा माओवादी ने की कश्मीर में धारा 370 व 35 ए को बहाल करने की मांग

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने कश्मीर में धारा 370 और 35 ए को पुनः बहाल करने की मांग की है। यह मांग संगठन की जनमुक्ति छापामार सेना(पीएलजीए) ने पोस्टरबाजी कर की हैै। संगठन द्वारा ऐसी पोस्टरबाजी कहां की गई है, यह पता नही चल सका है लेकिन संगठन ने मीडिया को दो पोस्टरों की तस्वीरे भेजी है।

दोनों ही पोस्टर सादे पन्ने पर हस्तलिखित है, जो लाल और हरे रंग के स्केच पेन से लिखे गये लगते है। इनमें से एक पोस्टर में कहा गया है कि-संसद में पारित किये गये भाजपा सरकार के तगाम नये कानून एनआरसी, एनपीआरएए तथा कश्मीर के मामले में धारा 370 और 35 ए सहित उसके विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किये जाने सहित अन्य सभी देश विरोधी तमाम कानूनो को वापस लो। सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को अविलम्ब निरस्त करो। तीन किसान बिल के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों की विभिन्न फासिस्ट बलों द्वारा की गयी हत्याओं में मारे गये लोगो के परिजनों को मुआवजा तथा गुंडो को जनता की अदालतो में लाकर उन पर विचार करने, सजा देने की जवाबी जन कार्रवाई शुरू करो।

महाराष्ट्र के गढ़ चिरौली, बिहार के गया जिले के मौनावार तथा देश के विभिन्न जगहों में माओवादी क्रांतिकारियों तथा कश्मीर पूर्वोतर सहित अन्य क्षेत्रों उत्पीड़ित राष्ट्रीयताओं की जनता पर विभिन्न राजकीय बलो तथा राज्य पोषित गुंडो द्वारा जारी हत्या के खिलाफ जवाबी राजनैतिक व सैन्य  कार्रवाईयों द्वारा प्रत्याक्रमण के लिए तमाम क्रांतिकारी व जनवादी शक्तियां एकजुट हो। जन मुक्ति छापामार सेना की 21 वीं वर्षगांठ के अवसर पर व्यापक भर्ती अभियान को तेज करे। भर्ती केंद्र स्कूल, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र पर आवेदन जमा करो लिखा है।

वही दूसरे पोस्टर में-जन मुक्ति छापामार सेना की 21वीं वर्षगांठ को नई उमंग, नया जज्बा व उत्साह भरी पहलकदमी के साथ पूरे राजनीतिक जोश खरोश के साथ मनाएं। भाकपा माओवादी के संस्थापक नेता शिक्षक, मार्गदर्शक व महान शहीद का. सीएम, का. केसी को शत शत लाल सलाम। अमर शहीद का. श्याम, का. महेश एवं का. मुरली को लाल सलाम। ब्राम्हणीय हिंदुत्व, फासीवादी के खिलाफ लड़ने हेतु पीएलजीए में शामिल होकर जनयुद्ध को तेज करे। छापामार युद्ध को चलायमान युद्ध में, छापामार इलाके को आधार इलाके में तथा पीएलजीए को पीएलए में बदल डालने के कार्यभारों को आगे बढ़ाएं। का. किसान दा(प्राांत बोस) व का. शीला मरांडी सहित संपूर्ण भारत के जेलो में बंद तमाम राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं को अविलम्ब बिना शर्त रिहा करो। जनता के छीने गये तमाम जनवादी अधिकार संगठन बनाने, सभा व जुलूस प्रदर्शन करने, हड़ताल रखने के तमाम अधिकारों को वापस दो। दोनो ही पोस्टरो के नीचे निवेदक के रूप में भाकपा(माओवादी), जनमुक्ति छापामार सेना(पीएलजीए) अंकित है।