औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। 18 वर्षों से हत्या के एक मामले में फरार अभियुक्त को औरंगाबाद सिविल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडीजे-12(ADJ-12) धनंजय कुमार मिश्रा की आदालत ने ओबरा थाना कांड संख्या 125/96 में एकमात्र आठ वर्षों से काराधीन अभियुक्त अशोक राम, मालवा ओबरा निवासी को सजा सुनाया। कोर्ट ने अभियुक्त को भादंसं की धारा 302 में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व पच्चीस हजार रुपये जुर्माना लगाया है जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होगी। वहीं 27 आर्म्स एक्ट में तीन साल की सजा सुनाई है।
दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सरकार की ओर से एपीपी बबन प्रसाद और बचाव पक्ष से तिलक यादव ने भाग लिया। अधिवक्ता ने बताया कि इस वाद के सूचक उमेश कुमार चौधरी मालवा ओबरा निवासी हैं। जिन्होंने प्राथमिकी में कहा है कि 11/10/96 को रात्रि 9 बजे जातिये मिंटिग हो रही थी, अभियुक्त अशोक राम देशी पिस्तौल लेकर आया और बिना कुछ बोले बड़े भाई शिवगोविन्द चौधरी पर गोली चला दी जिससे वे गम्भीर रूप से घायल हो गए और इलाज के क्रम में ओबरा सरकारी अस्पताल में मृत्यु हो गई। जातिए मिंटिग का कारण यह था कि गांव की एक विवाहित लड़की बिना कुछ बताए गांव छोड़ चली गई थी जिसे खोज बीन कर बड़े भाई वापस लाकर मिंटिग में डांट फटकार कर रहे थे जो अशोक राम को नागवार गुजरा और उसने उक्त घटना का अंजाम दे दिया।
घटना के बाद से अभियुक्त फरार हो गया था उसके घर के कुर्की जब्ती भी की गई थी। 30/08/14 को थाना प्रभारी खुदंवा ने अभियुक्त अशोक राम को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था तब से अभी तक अभियुक्त जेल में बंद था। आज घटना के 26 साल बाद सजा सुना कर अभियुक्त को पुनः जेल भेज दिया गया।