औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-15 अमित कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को रफीगंज थाना कांड संख्या 61/16 में सजा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधीन बंदी अभियुक्त पिन्टु सिंह बाबुगंज रफीगंज को भादवि की धारा 304 बी में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कोर्ट के एसडीपीओ अरविंद कुमार ने बताया कि अभियुक्त को 27 मई को दोषी करार दिया गया था। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी की सूचक पूजा देवी थी। प्राथमिकी में बताया था कि उसे होश घटना तिथि के एक सप्ताह बाद अपोलो अस्पताल कंकड़बाग पटना में आया। तब अपने पिता रामानुज सिंह ओतारनगर, सारण के सामने 11 मार्च 2016 को पुलिस अधिकारी को बताया कि घटना तिथि 03 मार्च 2016 को पति ने अन्य परिजन के साथ मिलकर दहेज के लिए खुब मारपीट कर मट्टी तेल बदन पर डालकर आग लगा दिया। मैने अपनी सासु मां को पकड़ लिया और मेरी सास बुरी तरह जख्मी होकर रफीगंज अस्पताल गई। वहां से गया अस्पताल रेफर किया गया।
रास्ते में सास मर गई। मेरा एक सप्ताह से पटना में इलाज चल रहा है। अधिवक्ता ने आगे बताया कि प्राथमिकी दर्ज कराने के कुछ दिनों बाद सूचिका का देहांत हो गया था। इस वाद में पुलिस ने दो यूडी केस 04 मार्च 2016 को दर्ज किया था परन्तु पीड़िता के बयान के बाद मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट, लड़की के पिता की गवाही से आरोप की पुष्टि हुई। पीड़िता और अभियुक्त की शादी 26 अप्रैल 2011 को हुई थी। घटना के समय उसकी सात वर्ष की बच्ची भी थी। प्राथमिकी के बाद पति को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था जो अभी तक जेल में बंद हैं।