नई दिल्ली (विद्या भूषण शर्मा)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक ड़ॉ. रणदीप गुलेरिया ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि Covid-19 के पांच टीकों में से कम से कम एक टीका इस वर्ष के अंत में या अगले साल के शुरू में लोगों को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि टीके भारत के शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में वितरण के लिए व्यावहारिक हैं।
गौरतलब है कि भारत में Covid-19 का टीका बना रही पांच कंपनियों का क्लीनिकल परीक्षण काफी आगे के चरण में पहुंच चुका है। उनका बयान फाइजर बायोटेक के कोरोना वायरस टीके को ब्रिटेन में आपात मंजूरी मिलने के बीच आया है। इस मंजूरी के बाद ब्रिटेन में यथासंभव अगले सप्ताह से इस जानलेवा वायरस के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। डॉ. गुलेरिया ने उम्मीद जताई कि इस महीने के आखिर या अगले महीने के प्रारंभ तक पांचों में से कम से कम एक टीके को लोगों को लगाए जाने के लिए दवा नियामक निकाय से आपात उपयोग मंजूरी मिल जाएगी और टीकाकरण की शुरुआत प्राथमिकता समूह से होगी।
गुलेरिया ने कहा कि फाइजर के Covid-19 टीके के भंड़ारण के लिए शून्य से नीचे 70 डिग्री के तापमान की जरूरत भारत जैसे विकासशील देश में उसकी आपूर्ति के लिए एक बड़ी चुनौती है‚ खासकर उसके छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे प्रशीतन श्रृंखला सुविधाएं बनाये रखना बड़ा मुश्किल होगा।
भारत के साथ काम करने को प्रतिबद्धः फाइजर
वैश्विक दवा कंपनी फाइजर ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में फाइजर या बायोएनटेक टीका उपलब्ध कराने के लिए वह भारत सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है‚ जिसने फाइजर या बायोएनटेक टीके के आकस्मिक इस्तेमाल को मंजूरी प्रदान कर दी। ब्रिटेन के दवा नियामक ‘मेडि़सिंस एंड़ हेल्थकेयर प्रोड़क्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी’ (एमएचआरए) ने कंपनी के टीके को अस्थायी मंजूरी दे दी है। यह टीका ब्रिटेन में अगले हफ्ते से उपलब्ध होगा। फाइजर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा‚ अभी हम कई सरकारों के साथ बातचीत की प्रक्रिया में है।