सीएम ने की मगध प्रमंडल के सभी डीएम-एसपी के साथ समीक्षा बैठक

मद्य निषेध, बाल विवाह, दहेज उन्मूलन, कोविड-19 संक्रमण से बचाव व रखरखाव पर की चर्चा

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। जीविका दीदियों से संवाद कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने औरंगाबाद जिला समाहरणालय स्थित योजना भवन के सभागार में मगध प्रमंडल के सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में मद्य निषेध, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन, कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं रख रखाव आदि मुद्दों पर चर्चा की गई।

बैठक में उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, खान एवं भूतत्व मंत्री जनक राम, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन,कृषि विभाग मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार, औरंगाबाद जिला परिषद की अध्यक्ष प्रमिला देवी, काराकाट के सांसद महाबली सिंह, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, अरवल एवं नवादा जिले के विधायक एवं विधान पार्षदगण, औरंगाबाद के जिलाधिकारी सौरभ कुमार जोरवाल, गया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह, जहानाबाद के जिलाधिकारी हिमांशु कुमार राय, अरवल की जिलाधिकारी सुश्री जे प्रियदर्शिनी, नवादा के जिलाधिकारी यशपाल मीणा, गया के वरीय पुलिस अधीक्षक आदित्य कुमार, जहानाबाद के पुलिस अधीक्षक दीपक रंजन, अरवल के पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन, नवादा की पुलिस अधीक्षक श्रीमती डीएस सांवलाराम, औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा एवं अन्य जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी गण उपस्थित रहे। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबड़े ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, अरवल एवं नवादा जिले में समाज सुधार अभियान की दिशा में की गई कार्रवाई के संबंध में अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। मगध प्रमंडल के आयुक्त ने प्रेजेंटेशन के जरिये मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अंतर्गत वाहनों की नीलामी, उत्पाद एवं पुलिस के अधीन जब्त शराब का विनष्टीकरण, नीरा उत्पादन, नशामुक्ति केंद्र, सघन नदी गश्ती, जमानत प्राप्त अभियुक्तों के विरुद्ध कार्रवाई, उत्पाद वादों की अद्यतन स्थिति आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन कार्यक्रमों से संबंधित प्रतिवेदन में बाल विवाह की स्थिति, दहेज प्रथा की स्थिति, दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत दर्ज कांडों की विवरणी, जन जागरूकता एवं प्रचार प्रसार, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, अन्य हितधारकों का मुखीक के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। गृह विभाग से संबंधित प्रतिवेदन के अंतर्गत भूमि विवाद का समाधान थाना, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के वादों के निष्पादन की स्थिति, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के कांडों में मुआवजा के संवितरण की स्थिति, लंबित पुलिस वादों का विवरण के संबंध में जानकारी दी। प्रस्तुतीकरण के दौरान सतत् जीविकोपार्जन योजना से संबंधित प्रतिवेदन, हर घर नल का जल योजना की स्थिति, मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना का प्रगति प्रतिवेदन, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान-2 के तहत निर्मित शौचालय संबंधित प्रतिवेदन, खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के अंतर्गत धान अधिप्राप्ति का प्रतिवेदन, 2021 में बाढ़ के दौरान की गई कार्रवाई, कोविड-19 संक्रमण के आलोक में की गई कार्रवाई कृषि इनपुट अनुदान से संबंधित स्थिति, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना का प्रतिवेदन आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया।

समाज सुधार अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के धंधेबाजों पर विशेष नजर रखें और पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई करें। मद्य निषेध एवं पुलिस विभाग द्वारा जब्त किये गये शराब का विनष्टीकरण की प्रक्रिया शीघ्र पूरा करें ताकि कोई इधर-उधर नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में बिहार के तीन जिलों वैशाली, नालंदा और गया में नीरा उत्पादन का कार्य बहुत ही बेहतर ढंग से शुरू किया गया था। इससे नीरा का व्यवसाय करनेवालों की आमदनी में काफी बढ़ोत्तरी हुई लेकिन कोरोना के कारण नीरा उत्पादन का कार्य बाधित हुआहै, इसे शीघ्र शुरु करायें। नीरा काफी स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्यवर्द्धक पेय पदार्थ है। नीरा का सेवन करने से कोरोना से भी बचाव होगा। ताड़ का पेड़ नवादा और गया में भी काफी संख्या में है। ताड़ी के चुलाई का कार्य करनेवाले लोगों को इस कार्य से जोड़ें। मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर भूमि विवाद से संबंधित बैठकें निर्धारित तिथि पर जरुर हों ताकि कोई मामला लंबित नहीं रहे। इस काम में अगर कोई अधिकारी कोताही या टालमटोल करते हैं तो उन्हें वहां से हटाकर दूसरे को जिम्मेवारी सौंपे। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की भी आहट है और इससे जुड़े मामले भी धीर-धीरे बढ़ रहे हैं। कोरोना के दौर में भी इन बैठकों को बंद नहीं करें। कोरोना संक्रमण का प्रकोप ज्यादा बढ़ने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन बैठकों को आयोजित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद के मामलों को कम करने के लिए कई स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं। हमलोग इसके लिए भूमि का नया सर्वे भी करवा रहे हैं। वर्ष 2006 से जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम हमलोगों ने शुरु कराया। जिसमें यह पाया गया कि 60 प्रतिशत हत्या का कारण जमीन विवाद और आपसी झगड़े होते हैं। 20 जगहों पर काफी तेजी से भूमि सर्वे का कार्य किया जा रहा है। एरियल सर्वे भी कराया गया ताकि सर्वे का काम ठीक ढंग से हो सके। अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में 60 दिनों के अंदर चार्जशीट दायर करें। समीक्षा के दौरान जनप्रतिनिधियों से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर नल का जल योजना में अगर कहीं किसी प्रकार की शिकायत या समस्या आती है तो उसे अधिकारियों को अवगत करायें ताकि उसका समाधान किया जा सके। मेंटेनेंस का कार्य निरंतर करते रहना है ताकि लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल निरंतर उपलब्ध होता रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में एक्ट बनाकर हमलोगों ने बिहार में किसानों से धान एवं गेंहू की अधिप्राप्ति का कार्य शुरु कराया। पहले बिहार में पैक्सों की क्या हालत थी, यह किसी से छुपी नहीं है। अब हमलोगों ने पैक्सों की ताकत बढ़ा दी है। वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। पिछले वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 35 लाख मीट्रिक टन था, जिसके ऐवज में 34 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति हुई थी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यदि कहीं कोई पैक्स किसानों से खरीदारी नहीं करता है तो उसके विरुद्ध सख्त एवं त्वरित कार्रवाई करें। समीक्षा बैठक में औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, अरवल एवं नवादा जिले के सांसद, विधायक एवं विधान पार्षदगणों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं रखीं, जिसका त्वरित निष्पादन करने का मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया।