औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। स्मोकिंग इज इंज्यूरियस फॉर हेल्थ की चेतावनी और सार्वजिक स्थानों पर धूम्रपान पर निषेध के बावजूद धुएं का छल्ला उड़ाना फैशन है। इस फैशन का असर अब बड़ो के बाद बच्चों पर भी पड़ रहा है। यही वजह है कि स्कूली छात्र छिप-छिपा कर धुएं का छल्ला उड़ाने से गुरेज नही कर रहे है।
औरंगाबाद में स्कूली बच्चों द्वारा धुएं का छल्ला उड़ाने का एक वीडियो वायरल हुआ है। हालांकि हम वायरल वीडियो की पुष्टि नही करते है। वीडियो में स्कूल यूनिफॉर्म में बच्चें सिगरेट का कश लगा रहे है। यूनिफॉर्म से लग रहा है कि ये बच्चें किसी निजी स्कूल के है। हालांकि निजी स्कूल यह दावा किया करते है कि उनके यहां सख्त अनुशासन है। स्कूल में बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है। नैतिकता का भी पाठ पढ़ाया जाता है। अलग विषय के रूप में नैतिक शिक्षा भी दी जाती है। इतना कुछ करने के बावजूद शिक्षा के मंदिर के बच्चें जब धुएं का छला उड़ाते कैमरे में कैद हो जाना और वीडियो का वायरल हो जाने से निजी स्कूलों के नैतिकता के पाठ पर सवाल खड़ा होता है।
आखिर बच्चों को सही गलत में फर्क करना और आचरण-व्यवहार को शुद्ध, पवित्र एवं शालीन रखने का पाठ पढ़ाने की नैतिक जिम्मेवारी स्कूलों की तो बनती ही है। निजी विद्यालयों में तो नैतिक शिक्षा की पुस्तक अलग से पढ़ाई जाती है और इसके लिए विधिवत अलग से शिक्षक होते हैं। उनके द्वारा बच्चों को नैतिक शिक्षा का ज्ञान दिया जाता हैं। इतने प्रयास के बावजूद जब बच्चों में नैतिक ज्ञान का विकास नहीं हो और वे गलत कार्यों में लग जाएं तो यह माना जाएगा कि सही मायने में उन्हे नैतिक रूप से शिक्षित करने का प्रयास बेमानी साबित हो रहा है।