बिहार-झारखंड में अरसे से नक्सली गतिविधियों में संलिप्त भाकपा माओवादी की केंद्रीय कमिटी का सदस्य मिथिलेश मेहता उर्फ गेहुं दा गिरफ्तार

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। अति नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में माओवादियों के खिलाफ चलाये जा रहे स्पेशल ऑपरेशन ने पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की केन्द्रीय कोर कमिटी के सदस्य मिथलेश मेहता उर्फ मिथलेश महतों उर्फ रोहित उर्फ अभिषेक उर्फ भिखारी उर्फ गेहूं दा को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नक्सली कुटुम्बा थाना के विष्णुपुर खैरा निवासी रामविलास प्रसाद का पुत्र है।

पुलिस कप्तान कांतेश कुमार मिश्रा ने बताया कि गुप्त सूचना मिली कि भाकपा माओवादी की केन्द्रीय कोर कमिटी का सदस्य मिथलेश मेहता उर्फ मिथलेश महतो उर्फ रोहित उर्फ अभिषेक उर्फ भिखारी उर्फ गेहुं दा अपना ईलाज कराने हेतु झारखंड के बुढ़ा पहाड़ क्षेत्र से निकलकर गया-औरंगाबाद जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में कही आया हुआ है। इस सूचना पर छापेमारी कर नक्सली को गिरफ्तार करने हेतु पुलिस, कोबरा बटालियन एवं सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सम्भावित रूट के विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोट दलों को तैनात किया। इसी दौरान गया जिले के आमस थाना क्षेत्र में डेल्हों महापुर रोड के पास घेराबंदी करते हुए संदेह के आधार पर एवं प्राप्त हुलिया के आधार पर एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गयी। उसके द्वारा बताए गये नाम, पता का सत्यापन किया गया। सत्यापन में स्पष्ट हुआ कि संदिग्ध व्यक्ति मिथलेश मेहता उर्फ मिथलेश महतो उर्फ रोहित उर्फ अभिषेक उर्फ भिखारी उर्फ गेहुं दा ही है, जो भाकपा माओवादी की केन्द्रीय कोर कमिटी का सक्रिय सदस्य है। इसके बाद निर्धारित नियमों तथा प्रक्रिया को अपनाते हुए अग्रेतर विधिसम्मत कार्रवाई की गयी।

गिरफ्तार माओवादी ने गहन पूछताछ में स्वीकार किया कि वह वर्ष 1989 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। तब से लेकर लगातार अब तक माओवादी संगठन के लिए काम कर रहा है। वर्ष 2004 में वह भाकपा माओवादी की केन्द्रीय कोर कमिटी का सदस्य बना। पहली बार वह वर्ष 2001 में झारखंड के गढ़वा जिले के रंका थाना पुलिस माओवादी मुठभेड़ में शामिल था। इसी कांड में वर्ष 2007 में पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद वह लगातार 11 वर्षों तक जेल में बंद रहा। अगस्त-2018 में जेल से छुटने के बाद पुनः नक्सल गतिविधियों में सक्रिय हो गया। वर्ष 2019 एवं 2020 में उसने गया के छकरबंधा क्षेत्र में रहकर नक्सली गतिविधियों को संगठित किया। फरवरी-2020 में गया जिले के बांकेबाजार थाना के सोनदाहा में सरकारी विद्यालय भवन को विस्फोट कर उड़ाने में शामिल था। अप्रैल-2020 में वह गया जिले के धनगई थाना के झाझी में पुलिस अभियान दल पर हमला करने में भी वह शामिल था। बाद में वह झारखंड के लातेहार जिले में बुढ़ा पहाड़ क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों के पूर्ण प्रभार में रहा।

पुलिस के मुताबिक उस पर धनगई थाना कांड संख्या-15/20, रौशनगंज(बांकेबाजार) थाना कांड संख्या-25/20, बालूमाथ(लातेहार) थाना कांड संख्या-229/20, गारू(लातेहार) थाना कांड संख्या-01/21, गारू(लातेहार) थाना कांड संख्या-02/21, गारू(लातेहार) थाना काण्ड संख्या-03/21, छिपादोहर(लातेहार) थाना कांड संख्या-17/21, मनिका(लातेहार) थाना कांड संख्या-40/13, सदर थाना(हजारीबाग) थाना कांड संख्या- 316/07, सदर थाना(हजारीबाग) थाना कांड संख्या-317/07, कुटुम्बा थाना कांड संख्या-114 ध्91, रंका, गढ़वां(झारखंड) थाना कांड संख्या-51/2001 दर्ज है। इसके अलावा उसके अन्य आपराधिक इतिहास के बारे में भी जानकारी संग्रहित की जा रही है। केन्द्रीय कमिटी के इस सदस्य की गिरफ्तारी से भाकपा माओवादी के संगठन को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है। मिथिलेश भाकपा० माओवादी के शीर्ष नेताओं में से एक हैं। उसकी गिरफ्तारी बिहार पुलिस, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों एवं आसूचना ईकाईयों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।