औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बारुण के सिरिस स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में आर्या परियोजना के तहत हेचरी इकाई का शुभारम्भ डॉ. नित्यनाद एवं डॉ. आलोक भारती ने संयुक्त रूप से किया।
कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पटना, जोन-अ एवं बिहार कृषि विश्वविधालय, सबौर के सहयोग से कृषि विज्ञान केन्द्र में आर्या परियोजना के तहत स्थापित किया गया है। डॉ. आलोक भारती ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र, औरंगाबाद प्रदेश का एक मात्र संस्थान है, जहाँ हेचरी इकाई की स्थापना की गई है। इस मशीन की कार्य क्षमता 15,000 प्रति चक्र है। एक चक्र पूरा होने मे 21 दिन का समय लगता है। डॉ नित्यानंद ने कहा कि पिछले 3 वर्षों से आर्या परियोजना के तहत औरंगाबाद के भूमिहीन युवा एवं युवतियों को उद्यमी एवं स्वावलंबी बनाने के लिए मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन एवं बकरी पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस केन्द्र से प्रशिक्षण प्राप्त कर 100 से अधिक अपना व्यवसाय करके स्वावलंबी भी बन रहे है। इस केन्द्र के द्वारा किसानों एवं व्यवसायियो को उचित मूल्य पर, अच्छे प्रजातियों एवं स्वस्थ, मुर्गी(कड़कनाथ, सोनाली, वायलर) एवं बटेर का चूजा उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी स्थापना से छोटे किसान जो बाहर से चूजा नही ले पाते है, वे सरलता से चूजा यहां से प्राप्त कर अपना स्वरोजगार प्रारम्भ कर सकेंगे। विदित हो कि 100 चूजा का पालन कर किसान 1.5 लाख तक की शुद्व आय अंडा बेचकर प्रतिवर्ष प्राप्त कर सकते है। केन्द्र से चूजा लेने के लिए किसानों एवं व्यवसायियों को एक माह पूर्व बुकिंग करना होगा।