औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। बिहार की शिक्षा व्यवस्था ICU में है। स्कूल, कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालय तक में स्थिति नाजुक है। बिहार के मुख्यमंत्री को समाज सुधार यात्रा की जगह शिक्षा सुधार यात्रा करना चाहिए। उक्त बातें एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड एनएसयूआई के प्रभारी आशुतोष कुमार सिंह ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कही।
आशुतोष ने कहा कि बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार इन दिनों बिहार में समाज सुधार यात्रा पर निकले हुए हैं परंतु शायद उन्हें यह मालूम नहीं है कि बिहार में प्रवेश, परीक्षा और परिणाम काल के मुंह में समा गया हैं।
बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम के परिणाम लंबित पड़े हैं। 3 साल के जगह 6 साल में लोग स्नातक कर रहे हैं, 2 साल की जगह 5 साल में स्नातकोत्तर कर रहे हैं। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के आयोजन होने के पहले ही उसकी प्रश्नपत्रिका सार्वजनिक हो जा रही है।
आशुतोष ने कहा कि बिहार के सभी जिले में महाविद्यालयों की कमी है और जो महाविद्यालय बचे हुए हैं उन महाविद्यालयों में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों की कमी है। बिहार के विश्वविद्यालय और महाविद्यालय केवल डिग्री बांटने का एक केंद्र रह गए हैं, जहां आधारभूत संरचनाएं तो खड़ी हो गई है परंतु शैक्षणिक माहौल बिल्कुल ही खत्म हो गया है। बिहार के युवा शिक्षा और रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं और किसी तरह अपना और अपने परिवार का पालन करने के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है परंतु सरकार उनके भविष्य की चिंता ना कर के अपनी चिंता करती हुई दिखाई दे रही है।
सरकार को चाहिए था कि बिहार में शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए और पढ़ने पढ़ाने का माहौल तैयार करना चाहिए। परंतु सरकार आम जनता के दिए हुए टैक्स के पैसे से बिहार भ्रमण कर रही है और समाज सुधारने के नाम पर बिहार की भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के औरंगाबाद आगमन पर की ये मांग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के औरंगाबाद आगमन पर आशुतोष ने कहा कि हम आग्रह करेंगे और उम्मीद करेंगे कि माननीय मुख्यमंत्री औरंगाबाद को सौगात के नाम पर यहां के शैक्षणिक विकास हेतु जो मेडिकल कॉलेज वापस ले गए हैं उस मेडिकल कॉलेज के निर्माण की बात करें। औरंगाबाद में सेंट्रल स्कूल के लिए भूमि प्रदान करें। स्थानीय स्तर पर रोजगार के लिए श्री सीमेंट और एनटीपीसी में स्थानीय हुनरमंद युवाओं को प्राथमिकता मिले। जिले में एकमात्र महिला महाविद्यालय किशोरी सिन्हा महिला कॉलेज में स्नातकोत्तर और एमसीए, एमबीए जैसे पाठ्यक्रम को चालू कराएं। अगर ऐसी मांगों को आदरणीय मुख्यमंत्री जी गंभीरता से लेते हैं और उन पर अमल करते हैं तभी समाज सुधार यात्रा को आम जनता की यात्रा समझा जा सकता है अन्यथा बस यही समझा जाएगा नीतीश जी आम जनमानस के पैसे पर बिहार भ्रमण पर निकले हुए हैं।
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