औरंगाबाद में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने 32 नए अस्पतालों का किया शिलान्यास, 19.3 करोड़ रुपये होंगे खर्च

दाउदनगर(औरंगाबाद): बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने औरंगाबाद जिले के दाउदनगर में 32 नए अस्पतालों का शिलान्यास किया। इस परियोजना पर कुल 19.3 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कार्यक्रम में औरंगाबाद के जिलाधिकारी, सिविल सर्जन, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और एनएम कॉलेज दाउदनगर की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर समारोह को यादगार बनाया।

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर

मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि यह कार्यक्रम औरंगाबाद में भी आयोजित हो सकता था, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों को प्राथमिकता देने के लिए दाउदनगर को चुना गया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का अभियान चल रहा है।

mangal pandey at daudnagar

कुटुंबा में 30 बेड का अस्पताल, चार महीने में तैयार होंगे सभी अस्पताल

कुटुंबा में 5.75 लाख रुपये की लागत से 30 बेड का अस्पताल बनेगा, जो एक साल में तैयार होगा। इसके अलावा, गोह में 4, ओबरा में 2, दाउदनगर, नबीनगर, कुटुंबा और बारुण में 3-3, औरंगाबाद और रफीगंज में 1-1, तथा देव और मदनपुर में 4-4 अस्पतालों का निर्माण शुरू होगा। ये सभी अस्पताल अगले चार महीनों में बनकर तैयार हो जाएंगे, जिससे ग्रामीणों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी।

जन आरोग्य मंदिर: 31 पंचायतों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर

मंत्री ने 31 पंचायतों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (जन आरोग्य मंदिर) का भी शिलान्यास किया। उन्होंने बताया कि यह उनका 20वां जिला दौरा है और हर जिले में प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, ताकि गांवों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें।

स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कदम

मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार के 21 जिलों में अस्पताल भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है। अनुमंडल अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं और प्रखंड स्तर पर 30 बेड के अस्पताल बनाए जा रहे हैं। अगले 15 दिनों में 10,000 से अधिक एएनएम की नियुक्ति होगी। इसके अलावा, ओटी असिस्टेंट, एक्स-रे टेक्नीशियन, ईसीजी टेक्नीशियन और ड्रेसर के पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

दाउदनगर अनुमंडल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के सवाल पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि डेढ़ महीने में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। प्राथमिकता के आधार पर प्रखंड स्तर पर भी डॉक्टरों की बहाली होगी।

जांच और मेडिकल कॉलेज की सुविधाएं

मंत्री ने बताया कि आज अस्पतालों में 56 प्रकार की जांच की सुविधा उपलब्ध है, जो पहले केवल पीएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों में थी। एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही हैं। औरंगाबाद में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए जमीन चयन का कार्य अंतिम चरण में है। इसके लिए 20 एकड़ से अधिक जमीन की जरूरत है।

बिहार में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि

2005 में बिहार में केवल 9 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 24 हो गए हैं। 13 नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं और 7 को मंजूरी मिल चुकी है। इससे डॉक्टरों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।

अन्य परियोजनाएं

  • मदर चाइल्ड हॉस्पिटल: 21 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन।
  • पिकु अस्पताल: 2.5 करोड़ रुपये की लागत से।
  • प्री-फैब हॉस्पिटल, जम्होर: 7.5 करोड़ रुपये की लागत से।
  • ट्रामा सेंटर, करहरा: 9.64 करोड़ रुपये की लागत से, जो अगले साल शुरू होगा।

पंचायत स्तर पर भी अस्पताल बनाए जा रहे हैं और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 20-20 अतिरिक्त बेड जोड़े गए हैं।

दाउदनगर अनुमंडल अस्पताल का निरीक्षण

शिलान्यास के बाद मंगल पांडेय ने दाउदनगर अनुमंडल अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने लैब, मेडिसिन रूम और अन्य विभागों का जायजा लिया और मरीजों के साथ सौम्य व्यवहार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य सेवा केवल इलाज नहीं, बल्कि सेवा भाव है। मरीजों को सहानुभूति और सम्मान मिलना चाहिए।”

तेजस्वी यादव पर निशाना

मंत्री ने विपक्षी नेता तेजस्वी यादव को “बेरोजगार नेता” बताते हुए कहा कि जनता ने उन्हें लोकसभा और उपचुनाव में नकार दिया है। उन्होंने दावा किया कि 2005 से पहले बिहार की स्थिति खराब थी, लेकिन अब कानून का राज है और प्रति व्यक्ति आय 8,000 रुपये से बढ़कर 65,000 रुपये हो गई है।

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