औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बस कंडक्टर की मॉब लींचिंग में हुई हत्या के सात दिन बाद भी औरंगाबाद के मदनपुर के सढ़ैल गांव में मातम पसरा है। मृतक मंजय सिंह के परिजन न केवल गमजदा है बल्कि खौफजदा भी है।
मृतक की पत्नी का हाल सबसे बुरा है। दिन में कई बार वह रोते रोते बेहोश हो जा रही है। मृतक के बेटे नीतीश और बेटी डॉली भी गमजदा है। दोनों ही अपने पिता के हत्यारों को फांसी की मांग कर रहे है। उन्हे रंज इस बात का है कि मामले में पुलिस का रवैया उदासीन है। पुलिस ने मामले के दो आरोपियों को ही अबतक गिरफ्तार किया है जबकि मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर छुट्टा घूम रहा है। इतना तक कि घटना के बाद पुलिस परिजनों का हाल जानने गांव भी नही आई है। परिजन लगातार न्याय की गुहार लगा रहे है लेकिन न्याय अभी कोसो दूर लग रहा है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में हैं। इसी वजह से मामले में पुलिस अपेक्षित कार्रवाई नही कर रही है। गांव वालों का आरोप है कि औरंगाबाद के राजद सांसद अभय कुशवाहा अपराधियों को संरक्षण दे रहे है क्योकि हत्यारे उनकी पार्टी के समीकरण वाली जाति के है। इस कारण वें अपना राजनीतिक समीकरण बनाए रखने के लिए अपराधियों को संरक्षण दे रहे है।
इस बीच परिजनों से मिलकर मातमपुर्सी करने भाजपा की बिहार प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य प्रवीण कुमार सिंह ने सांसद अभय कुशवाहा पर बड़ा आरोप लगाया। कहा कि जंगल राज की पार्टी वाले सांसद मदनपुर के इलाके में हिंसा-प्रतिहिंसा का दौर लाने की कवायद कर रहे है। वें चाहते है कि शांत हो चले मदनपुर के इलाके में फिर से नक्सली हिंसक गतिविधियों को अंजाम दे। वें सवर्णों का नरसंहार और बघौरा जैसी घटनाओं की पुनरावृति को हवा दे रहे है। उन्होने कहा कि क्षेत्रीय सांसद होने के नाते अभय कुशवाहा को सढ़ैल गांव आकर मृतक के परिवार के आंसू पोछने चाहिए थे लेकिन उन्होने ऐसा करना मुनासिब नही समझा। क्षेत्रीय विधायक मो. नेहालुद्दीन घटना के सात दिन बाद भी गांव नही आए है। इससे सांसद और विधायक के मामले के प्रति रवैये को समझा जा सकता है। कहा कि मामले में सांसद अपराधियों को बचाने में लगे है। सांसद ने घटना के दिन ही दबाव बना कर मॉब लींचिंग की घटना को अलग रंग देने की कोशिश की। कहा कि पुलिस प्रशासन ने मामले में यदि सांसद के दबाव में काम करना बंद नही किया तो वें इसकी शिकायत राज्य के आला अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक करेंगे। अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क पर उतरेंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे।